उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर शावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश यादव को एटीएम चोरों से रिश्वत में बड़ी रकम और कार लेकर छोड़ने के आरोप में पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने मंगलवार (30 नवंबर) को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके साथ इनकी संपत्ति की जाँच का भी आदेश दिया गया है। खान को इसी साल 15 अगस्त को पुलिस सम्मान से सम्मानित किया गया था।
हाल ही में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एटीएम मशीन काटकर रुपये चुराने वाले गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि अगस्त में भी इन लोगों को पकड़ा गया था, लेकिन शावेज खान ने 20 लाख रुपये और क्रेटा कार लेकर आरोपियों को छोड़ दिया था। शावेज ने आरोपियों से 50 लाख रुपये की माँग की थी। आरोपियों ने बताया कि अभी उनके पास इतने पैसे नहीं थे, उसके बाद वे पैसे देने के लिए एसओजी के पुलिसकर्मियों को अपने घर लेकर गए। वहाँ शावेज खान एक नई क्रेटा कार खड़ी देखी, जिस पर नंबर भी नहीं पड़ा था। इसके बाद आरोपियों को धमकाकर कि यह कार ठगी के पैसे से खरीदी गई है, उसे अपने साथ लेते आए।
घटना की जानकारी सामने आने के बाद कमिश्नर ने मामले की जाँच डीसीपी (क्राइम) अभिषेक को सौंपा, जिसमें इन दोनों आरोपियों की संलिप्तता पाई गई। जाँच में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी बरामद की है। गाजियाबाद में एटीएम हैक कर रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने शाहनवाज, सगीर, मोहम्मद उमर, जमीर शेख और मेहराज को गिरफ्तार किया था।
शावेज खान की संलिप्तता सामने आने के बाद कमिश्नर ने SOG टीम को भंग कर दिया है और इसके सदस्यों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है। इस टीम में 11 पुलिसकर्मी शामिल थे। इन सभी को पुलिस लाइन हाजिर किया गया है। आरोपियों की संपत्ति की जाँच का जिम्मा अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) लव कुमार को सौंपी गई है। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि आय से अधिक पाए जाने पर आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी।
वहीं, पुलिस कमिश्नर के आदेश पर क्रेटा कार की तलाश की जा रही है। हालाँकि, उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कार को किसी अवैध कबाड़ी के यहाँ ले जाकर उसे कटवा दी गई है।
मामला सामने आने के बाद शावेज खान ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था। कई अधिकारियों ने उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद शावेज खान पर शक और गहरा हो गया। जाँच के बाद आरोपों की पुष्टि होने के बाद खान की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं, शावेज द्वारा की गई पहले की गई कार्रवाईयों की भी जाँच की जाएगी। इन घटनाओं को लेकर इनका नाम चर्चा में रहा है।
जिले में करीब तीन साल की तैनाती में शावेज कोतवाली फेज-टू सेक्टर-58 समेत अन्य कोतवाली के प्रभारी भी रहे हैं। नोएडा से पहले वह गाजियाबाद में तैनात थे। जिले में एसएसपी रूल से लेकर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम तक शावेज महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। शावेज को तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी माना जाता था। इसी आधार पर उन्हें पुलिस सम्मान भी दिया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी वर्ष 2018 में उगाही की रेट लिस्ट वायरल होने के बाद तत्कालीन एसएसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने पूरी एसओजी टीम को भंग कर दिया था।
ये भी आरोप है कि सितंबर 2020 में सुदर्शन न्यूज चैनल में मुस्लिमों द्वारा गए तोड़फोड़ के दौरान चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने सेक्टर-58 पुलिस स्टेशन से सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की माँग की थी। चव्हाणके ने आरोप लगाया था कि तब सेक्टर-58 में SHO रहे शावेज खान ने उनकी माँग को अनसुना कर दिया था और किसी तरह की सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई थी।
जबरन घुसने पर आमादा थे कट्टरपंथी सुदर्शन मुख्यालय में.
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) September 12, 2020
कुछ संदिग्ध आस पास भी घूमते दिखे थे.
1 साल से SHO शावेज़ खान से किया जा रहा निवेदन पर उन्होंने नहीं दिया ध्यान.
लगातार फोन व पत्रों से आ रही धमकियां.@myogiadityanath @myogioffice @dgpup @noidapolice @CP_Noida@UPGovt pic.twitter.com/BxuVz1Ywdg
सुदर्शन न्यूज ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें दिख रहा है कुछ लोग सुदर्शन न्यूज के ऑफिस में पहुँचकर धमका रहे थे और कह रहे थे कि हमेशा हिंदू-मुस्लिम की न्यूज चलाते रहता है। गौरतलब है कि सुदर्शन न्यूज हिंदुओं की आवाज को मुखरता से उठाने के जाना जाता है। सुदर्शन न्यूज ने ट्वीट कर बताया था, “जबरन घुसने पर आमादा थे कट्टरपंथी सुदर्शन मुख्यालय में। कुछ संदिग्ध आस पास भी घूमते दिखे थे। 1 साल से SHO शावेज़ खान से किया जा रहा निवेदन पर उन्होंने नहीं दिया ध्यान। लगातार फोन व पत्रों से आ रही धमकियाँ।”