Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजनीरव मोदी के भाई नेहाल के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस,...

नीरव मोदी के भाई नेहाल के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस, सबूत मिटाने का आरोप

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बेल्जियम की नागरिकता रखने वाले 40 वर्षीय नेहाल दीपक मोदी के खिलाफ ग्लोबल अरेस्ट वारंट जारी किया गया है।

नीरव मोदी को लगातार भारत लाने की कोशिशों की कड़ी में अहम खबर आई है कि इंटरपोल ने उनके भाई नेहाल मोदी के ख़िलाफ़ पीएनबी से कथित तौर 13, 600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में सबूत मिटाने के आरोप में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।

जानकारी के मुताबिक इस साल की शुरुआत में ईडी ने इंटरपोल से अनुरोध किया था कि वह नीरव की मदद करने के आरोप में नेहाल के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करें। अब इस नोटिस के जारी होने के बाद इसकी जानकारी अधिकारियों ने खुद शुक्रवार को दी। इससे पहले नीरव की बहन पूर्वी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी हो चुका है।

अधिकारी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बेल्जियम की नागरिकता रखने वाले 40 वर्षीय नेहाल दीपक मोदी के खिलाफ ग्लोबल अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। जिसकी जाँच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है। माना जा रहा है नेहाल इस समय अमेरिका में हैं।

यहाँ बता दें कि इससे पहले लंदन की एक अदालत नेहाल मोदी को लेकर इस बात के संकेत दे चुकी है कि नीरव मोदी अपने अंमेरिका में रह रहे भाई नेहाल का इस्तेमाल ‘गंदे काम’ के लिए कर रहा था।

जबकि, ईडी ने बताया था कि पीएनबी घोटाले के खुलासे के बाद नेहाल ने दुबई और हॉन्गकॉन्ग में स्थित नीरव की कंपनियों के डमी निदेशकों के मोबाइल फोन नष्ट किए थे और उन्हें दूसरे देश पहुँचाने की व्यवस्था की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -