पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ गुरुवार (22 सितंबर 2022) को हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई का तमाम मुस्लिम संगठनों ने भी समर्थन किया है। इन संगठनों में सूफी खानकाह एसोसिएशन व ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज भी शामिल हैं। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने तो पीएम मोदी को पत्र लिखकर PFI को बैन करने की माँग की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूफी खानकाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी के पत्र में पीएम मोदी से कहा गया कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है इसलिए उसे बैन कर देना चाहिए। उन्होंने, आरोप लगाते हुए कहा है पीएफआई देश के नौजवानों को भटका कर आतंकी बना रहा है और पिछले दो सालों से देश के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए ISIS (आईएसआईएस) के लिए लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।
कौसर हसन मजीदी ने यह भी कहा कि PFI (पीएफआई) की विचारधारा देशहित में नहीं है। यह लगातार देश में जहर घोलने का काम कर रहा है। जिस संगठन की विचारधारा देश के खिलाफ हो उसे बैन कर देना ही अच्छा है। उन्होंने यह भी कहा, बैन करना पुरानी माँग रही है लेकिन केवल बैन करने से कुछ नहीं होगा बल्कि ऐसी विचारधारा के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। जब तक ऐसी विचारधारा के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाएँगे तब तक ऐसे संगठन सामने आते रहेंगे।
वहीं, ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, “भारत सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर ही उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है और इसके कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज छापा मारने के सरकार के फैसले से सहमत है। यह मानते हुए कि यह देश के सर्वोत्तम हित में है। हमारा संगठन भारतीय संविधान का पूर्ण समर्थन करता है।”
पीएफआई पर हुई कार्यवाही देशहित में आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज
— Atulkrishan (@iAtulKrishan) September 22, 2022
“हमारा संगठन भारतीय संविधान का पूर्ण समर्थन करता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के खिलाफ किसी भी तरह की गतिविधि राष्ट्र विरोधी है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए,” it says@AIPMMReg pic.twitter.com/f4aBRgHvFC
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा है “पीएफआई खुद को इस्लाम के रक्षक के रूप में पेश करके देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हमने उसकी नीतियों का बार-बार विरोध किया है और उस पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।”
गौरतलब है कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई पर टेरर फंडिंग, आतंकियों को ट्रेंड करने, दंगा भड़काने समेत कई प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगता रहा है। इसी सिलसिले में एनआईए और ईडी ने 93 जगहों पर छापेमारी करते हुए पीएफआई के 106 सक्रिय कार्यकर्ताओं व नेताओं को गिरफ्तार किया है। इससे पहले रविवार (18 सितंबर 2022) को भी एनआईए ने पीएफआई के 23 ठिकानों में छापेमारी करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि गत रविवार व उससे पहले एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए पीएफआई के नेताओं से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर देश भर में एक साथ छापेमारी की है। इस छापेमारी को जाँच एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता कहा जा रहा है।