महाराष्ट्र के मालेगाँव के एक कॉलेज में करियर गाइडेंस सेमिनार के नाम पर इस्लामी पाठ पढ़ाने का मामला सामने आया है। यह कॉलेज पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी से जुड़े एक नेता का है। रविवार (11 जून 2023) को हुए इस विवादित कार्यक्रम की पुलिस जाँच कर रही है। कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला मालेगाँव के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज का है। यह कॉलेज उद्धव शिवसेना के नेता और पूर्व विधान पार्षद अपूर्व हिरे का है। डॉ. सुभाष निकम इस कॉलेज के प्रिंसिपल थे। रविवार को कॉलेज में सत्य मालिक लोकसेवा ग्रुप नामक संगठन की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार की शुरुआत अरबी में इस्लामी मुनाजात (प्रार्थना) से हुई। इस दौरान लगे पोस्टर पर ‘पाकी आधा ईमान है’ और ‘पवित्रता अर्ध ईमान (अल्लाह वर विश्वास) आहे’ छपा हुआ था। सेमिनार के मुख्य अतिथि अनीस कुट्टी थे।
Horrible!
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) June 11, 2023
In a program arranged for @HQ_DG_NCC by LokSewaGroup at MSG College Malegaon; attempt was made to impose #Islam on cadets. When Hindu cadets protested, Addl SP Aniket Bharati, PI Sanjay Kale @SPNashikRural thrashed them n threatened with FIR, action pls @DGPMaharashtra pic.twitter.com/EsJM16x9ak
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक हॉल में बने मंच पर मुस्लिम समुदाय के कई लोग बैठे दिख रहे हैं। सामने की कुर्सियों पर भी लोग बैठे हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि कथित करियर गाइडेंस सेमिनार की अरबी भाषा में एक इस्लामी मुनाजात से हुई। जब इसकी जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया और कॉलेज के प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की माँग की। हिन्दू संगठनों के मुताबिक कॉलेज में ऐसे कायर्क्रम करवा कर छात्रों को इस्लाम की तरफ आकर्षित किया जा रहा था।
मामले के तूल पकड़ने पर प्रिंसिपल डॉ. सुभाष निकम को सस्पेंड कर दिया गया है। हिन्दू संगठनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी है। महाराष्ट्र के खनन और बंदरगाह विकास मंत्री दादा भुसे ने भी ऐसे कार्यक्रमों को गलत बताते हुए आयोजकों पर कार्रवाई की माँग की है। वहीं सस्पेंड हुए प्रिंसिपल सुभाष ने कहा कि छोटी सी इस्लामी प्रार्थना के बाद वक्ताओं ने सभा को सम्बोधित किया था। प्रिंसिपल के अनुसार जिस संगठन ने यह कार्यक्रम करवाया था वो अपने आयोजनों की शुरुआत अक्सर इस्लामी प्रार्थना से ही करता है।