आयकर विभाग ने बुधवार (9 मार्च, 2022) को सिविल सर्विसेज कोचिंग संस्थान ‘Vision IAS’ के दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। टैक्स चोरी के आरोपों में ये रेड डाली गई है। राष्ट्रीय राजधानी के पूसा रोड में स्थित ‘Vision IAS’ के दफ्तर में IT विभाग ने छापेमारी की। इस रेड में कोचिंग संस्थान के अन्य ठिकानों को भी जद में लिया गया। कोचिंग संस्थान ने अभी तक इस आईटी रेड को लेकर कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की है।
IT विभाग की सर्च टीमों ने ‘Vision IAS’ के वित्तीय दस्तावेजों को खँगाला। साथ ही उसके अकाउंट्स को भी देखा गया। इसके कई अन्य शहरों में भी सेंटर्स हैं, ऐसे में आगे भी कार्रवाई की जा सकती है। कुछ दस्तावेजों को जब्त भी किया गया है। पिछले कुछ दिनों से हिन्दू विरोधी गतिविधियों के लिए ये कोचिंग संस्थान लगातार चर्चा में है। UPSC की परीक्षा की तैयारी के नाम पर छात्रों के दिमाग में हिन्दू विरोधी ज़हर भरे जाने के कई वीडियोज सामने आए हैं।
#BIGBREAKING
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) March 9, 2022
Income tax raid at Vision IAS, Delhi.
More details awaited.
Vision IAS से जुड़े फैकल्टी सदस्यों की विवादित वीडियोज सामने आने के बाद एक और चर्चित टीचर की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इनका नाम अवध प्रताप ओझा है, जो महाराष्ट्र के IQRA IAS इंस्टिट्यूट में पढ़ाते हैं। वीडियो में उन्हें कहते सुना गया, “ओसामा बिन लादेन। उसको पता था मुझे किससे लड़ना है। मार दिया ट्विन टावर पर। पूरी दुनिया जानने लगी उसका नाम। उसने USA के घर में घुसकर उसको तमांचा मारा। ये उपलब्धि है। उसने एक बार ही हमला किया। इसे कहते हैं सपना। इससे मतलब नहीं है कि अमेरिकी सेना उसे उठाया उसे मारा।”
बता दें कि इससे पहले सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर Vision IAS की तथाकथित वामपंथी टीचर स्मृति शाह के कुछ वीडियो सामने आए थे जहाँ किसी में वह शेख अब्दुल्ला को सबसे ज़्यादा लिबरल और सोशलिस्ट बताते नहीं थक रहीं थीं। वहीं किसी में कश्मीरी पंडितों के पलायन और उन पर शोषण को भी जायज ठहरा रही थीं। एक वीडियो में तो वह खुलकर हिजाब और बुर्का के समर्थन में ज्ञान देते हुए इसे सोशल प्राइड बता डाला।
इस वीडियो में वह भगवा शाल या जय श्री राम कहने वालों को ही परोक्ष रूप से घेरतीं नजर आई थीं। उनकी तरह कई अन्य टीचरों की भी इस्लाम का महिमामंडन करते वीडियो वायरल हुई थी। एक वीडियो में वो कहती दिखी थीं, “इस्लाम था बहुत लिबरल। वह समानता के बारे में बात करता था। कोई जाति व्यवस्था भी नहीं थी। अगर इस्लाम पढ़ा होगा तो एक चेरामन जुमा मस्जिद है जिसका मिनिएचर आपके पीएम ने सऊदी किंग को दिया।”