उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक सरकारी डॉक्टर और उसके परिवार को मारने की साजिश का मामला सामने आया है। इस साजिश में डॉक्टर यशवीर सिंह के खाने में टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) से पीड़ित मरीज का बलगम और कुछ घातक रसायन मिलाने की योजना बनाई गई थी। यह घटना तब उजागर हुई जब डॉक्टर यशवीर सिंह ने सोमवार (7 अक्टूबर 2024) को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
डॉक्टर यशवीर के मुताबिक, उनके अस्पताल में कार्यरत संविदाकर्मी जब्बार खान और लैब टेक्नीशियन मुशीर अहमद ने मिलकर इस घातक साजिश की योजना बनाई। इनका मकसद डॉक्टर और उनके परिवार को धीरे-धीरे जहरीले रसायन और टीबी मरीज का बलगम खिलाकर नुकसान पहुँचाना था। यह योजना लंबे समय से चल रही थी, लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब सफाईकर्मी टिंकू ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया।
डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने जब्बार खान और मुशीर अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (2), 62 और 105 के तहत दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि आरोपितों पर गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है और मामले की पूरी जाँच की जा रही है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। हिन्दू युवा वाहिनी ने दोनों मुस्लिम आरोपितों की इस करतूत को जैविक जिहाद बताते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने बताया कि मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस सम्बन्ध में थाना कोतवाली बागपत पर अभियोग पंजीकृत है। अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
— Baghpat Police (@baghpatpolice) October 8, 2024
डॉक्टर को पता ही नहीं कि दोनों को दिक्कत क्या थी ?
ऑपइंडिया ने इस मामले में डॉ यशवीर सिंह से बात की। डॉक्टर यशवीर सिंह ने हमें बताया कि उनको पता ही नहीं है कि मुशीर और जब्बार उनको मारना क्यों चाहते थे। दोनों से मुशीर से डॉक्टर कभी मिले ही नहीं थे जबकि जब्बार से महीने में महज एक या दो बार ही मुलाकात होती थी। जब डॉक्टर ने दोनों आरोपितों को बुला कर इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए महज इतना कहा, “साहब गलती हो गई”। बकौल यशवीर यह पुलिस पता करे कि उन दोनों को दिक्कत क्या थी।
डॉक्टर ने कहा कि न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके परिवार को मारने की साजिश रची गई थी। पहली साजिश डॉक्टर को ऑफिस में मिलने वाली चाय या नाश्ते में टी बी के मरीज का बलगम व घातक केमिकल मिलाने की थी। साजिश का दूसरा हिस्सा डॉक्टर के बच्चों को आवास में भेजे जाने वाले पिज्जा आदि में यही सब मिलाना था। डॉ यशवीर इस बात से भी हैरान हैं कि जब्बार और मुशीर को उनके उन बच्चों से क्या दिक्कत थी, जिसमें से एक की उम्र महज 7 और दूसरे की 10 साल है।
हिन्दू संगठनों ने इस घटना को “जैविक जिहाद” का नाम दिया है। उनका कहना है कि यह एक सुनियोजित हमला है, जिसमें मुस्लिम आरोपितों ने एक हिन्दू डॉक्टर और उसके परिवार को निशाना बनाने की कोशिश की। इस घटना को लेकर हिन्दू युवा वाहिनी ने सख्त कार्रवाई की माँग की है और प्रशासन से आग्रह किया है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इस घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है, और अब सभी की नजरें पुलिस की जाँच और आरोपितों पर कानूनी कार्रवाई पर टिकी हैं।