दिल्ली के जहाँगीरपुरी में शनिवार को शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसमें 9 लोग घायल हो गए थे। वहीं इस मामले में हिंदू पीड़ितों (दिल्ली पुलिस की FIR के अनुसार आरोपितों) को कानूनी सहायता देने वाले रोहिणी कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद मिश्रा से ऑपइंडिया ने बात की।
अधिवक्ता अरविंद मिश्रा ने ऑपइंडिया को बताया, “मैं उसी क्षेत्र का निवासी हूँ, और जो लोग उनकी तरफ से हिन्दू आरोपित वह मेरी नजर में विक्टिम हैं, उनकी ओर से जो वकील उपस्थित हुए थे उसमें से एक मैं भी हूँ। उन्होंने आगे बताया कि हिन्दू आरोपितों में जिसमें चार बड़े है और एक नाबालिग। मैं उनका मामला देख रहा हूँ। जिन्हें रोहिणी कोर्ट में जज ऋचा शर्मा के सामने पेश किया गया था और उन्हें जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है। जेल गए लोगों में सुजीत, सुखेन, नीरज, सूरज और नाबालिक अमन का नाम है। जबकि सुरेश सरकार को छोड़ दिया गया है।
वहीं दूसरे पक्ष से अंसार और सलीम चिकना के पुलिस कस्टडी और बाकी के जुडिशल कस्टडी की बात उन्होंने ऑपइंडिया को बताई।
जब हमने उनसे इस मामले में और विस्तार से जानना चाहा तो अधिवक्ता अरविन्द मिश्रा ने पुलिस के रवैए को गैरव्यवसायिक और बायस्ड कहा। उन्होंने आगे बताया, दिल्ली पुलिस की ओर से जो FIR की गई है। उसमें एक ही FIR में विक्टिम और आरोपित दोनों को बुक कर दिया गया है। हालाँकि यह क्रॉस FIR होती तो ज्यादा अच्छा होता। पुलिस ने क्रॉस FIR न करके दोनों पक्षों को एक ही FIR में बुक किया है। ऐसे में जिसने गोली चलाई, वो भी धारा 307 का आरोपित है और जिसके ऊपर गोली चली, वो भी 307 का आरोपित है। अब इसे कैसे प्रोफेशनल तरीका कहा जाए।
उन्होंने कहा कि जब इस तरह का सिस्टम है कि आरोपित और विक्टिम को एक ही FIR में, एक ही धारा में बुक किया गया है। जिस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। वहीं घटना के बारें में बताते हुए कहा, “जैसे ही शोभायात्रा मस्जिद के सामने पहुँची सैकड़ों की संख्या में महिलाओं-बच्चों पत्थरों आदि से हमला कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बियर की बोतले फेंकी गईं। हिन्दुओं की यात्रा पर गोली चली है जो दिल्ली पुलिस के जवानों को भी लगी है। फिर भी हिन्दुओं को गिरफ्तार किया गया।
रोहिणी कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के अनुसार, “गोली चलाने वाला सोनू चिकना पकड़ा गया, अपराध में शामिल हथियार भी मिल गया, लेकिन हिंदुओं को भी धारा 307 का आरोपित बना दिया गया। जबकि दिल्ली पुलिस को अभी तक हिंदू आरोपितों के पास से अपराध में शामिल कोई भी हथियार नहीं मिला है।”
उनका कहना है कि पुलिस ओवैसी के दबाव में आकर हिन्दुओं की गिरफ्तारी की, क्योंकि ओवैसी ने कहा कि केवल मुस्लिमों की गिरफ्तारी हो रही है। ऐसे में पुलिस के ऊपर जहाँ से भी दबाव आया हो उसके बाद गिरफ्तारियाँ हो रही हैं। यह बैलेंस करने की कोशिश है।
वहीं शांति वार्ता पर अधिवक्ता अरविंद मिश्रा ने कहा कि सब घटना के बाद किया जा रहा है। हमलावर और पीड़ित एक ही FIR में बुक होने के कारण कोर्ट से अंततः फायदा आरोपितों (गोली चलाने वालों, दंगा करने वालों) को ही मिलेगा।
उन्होंने बताया कि जिन हिन्दुओं को पकड़ा गया है वो तो पत्थरों-बोतलों के हमलों के बीच रथ को खींचकर बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। जिसे हमलावर मुस्लिम अटैक करके अपवित्र कर देते।
जहाँगीरपुरी हिंसा में 14 गिरफ्तार
गौरतलब है कि जहाँगीरपुरी हिंसा में अब तक 14 लोग गिरफ्तार हुए हैं और इनकी पेशी रोहिणी कोर्ट में हुई है। कोर्ट ने अंसार और असलम को पुलिस हिरासत में भेजा है बाकी 12 न्यायिक हिरासत में रहेंगे। कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने अंसार और असलम को लेकर कहा कि ये लोग शोभा यात्रा के बारे में पहले से जानते थे और इसीलिए इन्होंने साजिश रची। पुलिस ने बताया कि उन्होंने सीसीटीवी देखकर इस केस के संबंधित आरोपितों को पकड़ा है।