आतंकी भारत में मंदिरों को निशाना बनाकर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश रच रहे हैं। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद देश में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में हिंदू मंदिरों को निशाना बना सकते हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की दूसरी बरसी (5 अगस्त) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर हिंदू मंदिरों पर हमले हो सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी ड्रोन के जरिए आईईडी अटैक कर सकते हैं। हालात को देखते हुए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। घाटी में 5 अगस्त और 15 अगस्त को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। दरअसल, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विवादित अनुच्छेद 370 को हटाया गया था और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस है।
वहीं, गुरुवार (29 जुलाई 2021) को जम्मू-कश्मीर में तीन अलग-अलग जगहों पर ड्रोन देखे गए। इनमें से पहला सांबा सेक्टर के गजवाल थाना क्षेत्र और ITBP केंद्र के पास देखा गया, जबकि दूसरा छलियारी अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में और तीसरा बारी ब्रह्मा क्षेत्र में देखा गया।
घाटी में ड्रोन के जरिए घुसपैठ की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। 22 जुलाई 2021 (शुक्रवार) को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के पास कनाचक क्षेत्र में 5 किलो विस्फोटक ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को भी मार गिराया था।
उससे पहले 27 जून 2021 को जम्मू में भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर ड्रोन से ही हमला किया गया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया था कि जम्मू वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में दो कम तीव्रता वाले विस्फोट हुए। विस्फोट रविवार सुबह करीब 1:37 बजे और 1:43 बजे हुए और वे इतने शक्तिशाली थे कि उन्हें 1 किमी की दूरी तक सुना जा सकता था। ड्रोन ने हेलीकॉप्टर हैंगर के पास एक स्थान पर बम गिराए थे। IAF ने संदेह जताया था कि इन ड्रोन हमलों का उद्देश्य भारतीय वायुसेना की रणनीतिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाना था।
बहरहाल, 5 अगस्त और स्वतंत्रता दिवस नजदीक आने के साथ ही सीमा पार से आतंकवादियों द्वारा राज्यों में किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।