कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर झारखंड से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दावा है कि कोविशील्ड लगने के बाद एक ऐसे व्यक्ति ने चलना-फिरना शुरू कर दिया है जो 5 साल से बिस्तर पर पड़ा था। इस व्यक्ति को 4 जनवरी 2022 को टीका दिया गया था। इस दावे की सत्यता परखने के लिए तीन सदस्यों की मेडिकल टीम का गठन किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला बोकारो के पेटरवार ब्लॉक की उत्तासरा पंचायत के सलगाडीह गाँव का है। यह गाँव जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। यहाँ के रहने वाले दुलारचंद मुंडा का 5 साल पहले एक्सीडेंट हो गया था। तब से वे लगातार बिस्तर पर ही पड़े थे। उनकी रीढ़ में चोटें आई थी। इसके चलते वे न ठीक से चल पा रहे थे और न ही ठीक से बोल पा रहे थे। दुलारचंद की उम्र 55 वर्ष बताई जा रही है।
पेटरवार (Peterwar) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अलबेला के अनुसार, “एक आँगनबाड़ी कार्यकर्ता ने 4 जनवरी को दुलारचंद के घर जाकर कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगाई थी। उनके परिजनों ने अगले दिन उनके शरीर में हरकत की सूचना दी। इसी के साथ दुलारचंद ने बोलना भी शुरू कर दिया।” बताया जाता है कि कोरोना वैक्सीन लेने के अगले दिन परिजन दुलारचंद के शरीर में हरकत होने और उन्हें बोलते देख हैरान हो गए। बोकारो जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने कहा, “यह चौंकाने वाले परिणाम हैं। हम रोगी के मेडिकल इतिहास का अध्ययन करेंगे। इसकी जाँच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।”
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के मधेपुरा जिले से एक 84 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा 11 बार कोरोना वैक्सीन लगवाने की खबर सामने आई थी। इस बुजुर्ग का नाम ब्रह्मादेव मंडल है। उन्होंने बताया था, “वैक्सीन से न सिर्फ मैंने खुद को सुरक्षित किया है बल्कि मेरे कई तरह के दर्द भी खत्म हो गए। मेरी कमर का दर्द खत्म हो गया। मैं चलने-फिरने में असमर्थ था, वह दर्द भी खत्म हो गया। अब मुझे सर्दी खॉंसी भी नहीं होती।” ब्रह्मादेव मंडल पर बार-बार मोबाइल नंबर बदल कर टीका लगवाने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने केस दर्ज करवाया है। तब से वे छिप रहे हैं। एक वीडियो जारी कर उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उन पर कार्रवाई की गई तो वो आत्महत्या कर लेंगे।