झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लगने वाले पशु बाजारों की आड़ में गौ-तस्करी का मामला सामने आया है। आरोप है कि यहाँ की कुछ बाजारों से न सिर्फ देश के कुछ हिस्सों के बूचडखाओं को गायों की सप्लाई होती है, बल्कि बांग्लादेश तक अवैध तौर पर तस्करी की जा रही है। विदेश में गोवंश की तस्करी के लिए नदी के रास्ते का प्रयोग किए जाने की सूचना है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इसे पाप बताते हुए झारखंड पुलिस पर दलाली का आरोप लगाया है।
‘प्रभात खबर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, तस्करी के लिए गोवंश संथाल परगना के 3 बड़े बाजारों से खरीदा जाता है। इन पशु बाजारों के नाम मोहनपुर, हिरणपुर और दुमका हैं। लगभग 25 करोड़ रुपए साप्ताहिक टर्नओवर वाली इस बाजार से बिके जानवर बिहार के किशनगंज और अररिया के उन बूचड़खानों द्वारा खरीदे जाते हैं, जिनके पास लाइसेंस हैं। इसके अतिरिक्त यहीं से गोवंश सहित कई पशु अवैध तौर पर गंगा नदी के रास्ते बांग्लादेश भेज दिए जाते हैं।
नदी के रास्ते पशुओं को भेजने का तरीका बेहद दर्दनाक होता है, जिसमें उन्हें ठंडे पानी में केले के तने से बाँध दिया जाता है। इस दौरान पशुओं का मुँह सिर्फ साँस लेने के लिए बाहर निकला रहता है।
इस कड़क ठंड में गौ माता को केले के थम्ब में जबरन बांध पानी में तैराकर तस्करी किया जा रहा है, राज्य सरकार इस से अवगत है और पुलिस कार्रवाई के जगह दलाली की जा रही है। गौ वध का ये पाप क्या प्रदेश की जनता बर्दाश्त करेगी ? pic.twitter.com/Q0o6bP1Az6
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 31, 2022
नदी मार्ग के अलावा इन पशुओं की तस्करी असम की सीमा से करवाई जाती है। यहाँ से अवैध तौर पर पशुओं को बांग्लादेश भेजने का रेट 52,000 रुपए प्रति जोड़ा बताया गया है। तस्कर बॉर्डर से लगभग आधे किलोमीटर दूर अपने ठिकाने बनाए होते हैं। तस्करी के इस रैकेट पर भाजपा सांसद मेनका गाँधी ने चिंता जताते हुए बताया है कि इस पूरे मामले में पुलिस की मिलीभगत होती है।
इससे पहले झारखंड के ही उत्तर-पूर्वी हिस्से में आने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक अन्य वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में उन्होंने गोतस्करों द्वारा बांग्लादेश भेजी जा रहीं 10,000 गायों को मुक्त करवाने का दावा किया था। घटना बुधवार (28 दिसंबर, 2022) की है जिसमें मोईनुद्दीन और अली अंसारी नामक दो आरोपितों को पुलिस के हवाले किया गया था। हालाँकि पुलिस ने 200 गायों को तस्करों के चंगुल से आज़ाद कराए जाने की बात स्वीकारी थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से 100-150 गायें होने की बात कही गई थी।