दुमका झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गृह जिला है। बावजूद इसके जिले के 33 सरकारी स्कूलों ने अपने नाम में ‘उर्दू’ जोड़ लिया ताकि रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दी जा सके। लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। उसकी नींद तब टूटी जब मीडिया में यह मामला सामने आया और शिक्षा के कथित इस्लामीकरण को लेकर राज्य सरकार की किरकिरी शुरू हुई।
अब दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) संजय कुमार दास ने इसकी जाँच की बात कही है। उन्होंने कहा है, “हमने 33 स्कूलों के BO को पत्र लिखकर इस मामले की जाँच को कहा है। सभी स्कूलों के नाम उर्दू हैं। इस बात की जाँच की जा रही है कि उर्दू इन स्कूलों के नाम से कैसे जुड़ी और सरकारी स्कूलों में किन परिस्थितियों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है। शुक्रवार को स्कूल बंद रखने के लिए विभाग की ओर से कोई निर्देश नहीं है।”
It is being investigated how Urdu is tied to these institutions & under what conditions weekly holiday on Friday is offered in govt schools. There’s no instruction from dept to keep schools closed on Friday. After receiving the report, we’ll start investigation: Sanjay Kumar Das pic.twitter.com/mIxSGBrequ
— ANI (@ANI) July 14, 2022
हालाँकि, अभी यह साफ नहीं है कि जिले के स्कूलों में जुमे की छुट्टी कब से चल रही है। लेकिन, यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। राज्य के जामताड़ा में भी 100 से ज्यादा सरकारी स्कूल ऐसे सामने आए थे जहाँ शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही थी। इसकी वजह इन स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा होना बताया गया था। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि इलाके के कुछ मुस्लिम युवकों ने छुट्टी के दिन बदलने की शुरुआत दो-तीन स्कूलों से करवाई थी। फिर यह बढ़ते-बढ़ते 100 से ज्यादा स्कूलों तक पहुँच गई।
इसके बाद ही दुमका में 33 सरकारी स्कूलों के नाम में उर्दू जोड़े जाने का मामला सामने आया था। ख़बरों में बताया गया था कि इन स्कूलों में भी दूसरे स्कूलों की तरह हिंदी मीडियम में पढ़ाई होती है। लेकिन, छुट्टी जुमे को होती है। मुस्लिम बहुल इलाके में इन स्कूलों में सप्ताह की शुरुआत शनिवार से होती है। बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मिल का जो मेन्यू स्कूल की दीवारों में लिखा गया है, उसमें भी सप्ताह की शुरुआत शनिवार से दिखाया गया है। रविवार को मेन्यू में चावल, दाल व हरी सब्जी के प्रावधान का उल्लेख है। साथ ही शुक्रवार के दिन वाला कॉलम छुट्टी के चलते खाली है। यहाँ पर जुमा लिखा हुआ है।
गौरतलब है कि झारखंड के ही गढ़वा में एक स्कूल में मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रिंसिपल पर इस्लामी नियम लागू करवाने के लिए दबाव बनाने का मामला भी सामने आया था। रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय ने प्रिंसिपल को कहा था कि क्षेत्र में उनकी आबादी 75% है। इसलिए नियम भी उन्हीं के हिसाब से होंगे। पहले यहाँ ‘दया का दान विद्या का…’ प्रार्थना करवाई जाती थी। हालाँकि अब ‘तू ही राम है तू ही रहीम’ प्रार्थना स्कूल में होने लगी। इसके साथ स्कूल में बच्चों को हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने से भी मना कर दिया गया था।