झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग जिले में 37 घंटों के बाद इंटरनेट सेवा एक बार फिर से बहाल कर दी गई है। हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र के दुलमाहा गाँव की घटना के अफवाह पर रोक को लेकर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, जिससे वहाँ के स्थानीय लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। बताया जा रहा है कि इंटरनेट बंद रहने से जिले में शांति तो बनी रही, लेकिन इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा।
नेट बंद होने से कोरोना काल में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाई। कई कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। इसके अलावा नेट बैंकिंग बंद होने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ। घर से काम करने वाले लोग भी काफी प्रभावित हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 फरवरी को दुलमाहा में टांड निवासी युवक की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। युवक की हत्या के बाद प्रदेश भर में लोगों का आक्रोश देखने को मिला था। आक्रोश के बीच अफवाह न फैले इसलिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था।
ट्विटर पर मिस्टर सिन्हा नाम के यूजर ने इस घटना के संबंध में लिखा, “एक खबर जो एमएसएम/एसएम के जरिए ट्रेंड में नहीं आ सकी, वह है झारखंड में माँ सरस्वती की मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे एक 17 साल के हिंदू बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर देना। जाहिर है कि वह एक हिंदू था और घटना गैर भाजपा शासित राज्य में हुई थी, इसलिए यह किसी के लिए मायने नहीं रखती।”
One news which couldn’t make in MSM/SM trends is the lynching of a 17yo Hindu kid by Ms when he was going for Maa Saraswati idol immersion in Jharkhand.
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 9, 2022
Obviously he was a Hindu & incident happened in a non BJP ruled state so it doesn’t matter to anyone.
#JusticeForRupeshPandey pic.twitter.com/cw9sOFx6mL
मालूम हो कि 17 वर्षीय रूपेश कुमार पांडेय (Rupesh Kumar Pandey) 6 फ़रवरी को सरस्वती मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे। हजारीबाग के बरही थाना में नईटांड गाँव में लखना दूलमाहा इमामबाड़ा के पास मुस्लिम युवकों की विसर्जन करने जा रहे लोगों से कहासुनी की। देखते ही देखते कहासुनी मारपीट में बदल गई। मुस्लिम युवक रूपेश कुमार को तब तक पीटते रहे, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। बेहोशी की हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने कुछ दुकानों में आग भी लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। इस मामले में 7 नामजद सहित 100 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।