झारखंड के पलामू के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र मनातू में एक नक्सली की उसकी पत्नी सहित ग्रामीणों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। उक्त नक्सली ने जमीन के विवाद में एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने नक्सली प्रकाश सिंह और उसकी पत्नी तेरंगनी देवी को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस घटनास्थल पर पहुँच कर स्थिति का मुआयना कर रही है।
कुल मिला कर तीन लोगों की हत्या हुई। एक हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने दो की हत्या कर दी। घटनास्थल वाला इलाका बिहार की सीमा से भी लगता है और यहाँ पहले भी नक्सली घटनाएँ हो चुकी हैं। एसपी संजीव कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस स्थिति कि समीक्षा में लगी हुई है। ताज़ा घटना मनातू थाना क्षेत्र के कुंडलपुर की है, जो रंगिया पंचायत में पड़ता है। मृत उग्रवादी प्रकाश सिंह जेजएमपी संगठन का पूर्व सदस्य रहा था।
उसने ग्रामीण विनोद सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसकी और उसकी बीवी कि मॉब लिंचिंग कर दी गई। पीट-पीट कर हुई इस हत्या के पीछे लम्बे समय से चल रहे जमीन के विवाद को बताया जा रहा है। गाँव में बड़ी संख्या में पुलिस बल को कैम्प करने के लिए लगाया गया है। आसपास के इलाकों में इस तिहरे हत्याकांड से हड़कंप मचा हुआ है।
ये घटना शुक्रवार (जनवरी 1, 2021) की रात से शुरू हुई, जब विनोद सिंह की गोली मार कर हत्या की गई। उससे पहले दोनों पक्षों के बीच जम कर बहस हुई थी। नक्सली और उसकी बीवी की हत्या से पहले ग्रामीणों ने उसके हथियार को छीन लिया। ये इलाका कठिन पहाड़ियों के बीच है, इसलिए पुलिस को यहाँ आने में खासी परेशानी हुई। माओवादी घटना से 8 दिन पहले ही बाहर से अपने घर आया था और वो घटना के समय नशे में भी था।
#TripleMurderInPalamu : झारखंड के पलामू में ट्रिपल मर्डर, नशे में नक्सली ने ग्रामीण को मार दी गोली, पढ़िए फिर आक्रोशित ग्रामीणों ने क्या किया..#JharkhandNewshttps://t.co/40JRDjgJlA
— Prabhat Khabar (@prabhatkhabar) January 2, 2021
पिछले कुछ महीनों में झारखंड और पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के वापस सिर उठाने की कई घटनाएँ सामने आई हैं। अगस्त 2020 में पुलिस ने राँची से प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के 3 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। ये 5 महीने से किराए का घर बदल-बदल कर राँची के अलग-अलग इलाकों में रुके हुए थे और एरिया कमांडर पुनई उरांव के इशारे पर व्यवसाइयों से वसूली कर संगठन को पैसा पहुँचाने का काम करते थे।