झारखंड के पलामू में मुहर्रम के जुलूस के दौरान राष्ट्रीय ध्वज से छेड़छाड़ करते हुए उसमें अशोक चक्र की जगह तलवार छाप दिया गया था। साथ ही उर्दू में भी कुछ लिख दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यह घटना राज्य की राजधानी राँची से लगभग 175 किलोमीटर दूर चैनपुर पुलिस थाना क्षेत्र में शुक्रवार 28 जुलाई 2023 की शाम को हुई। शिया मुस्लिमों द्वारा मनाए जाने वाले मुहर्रम पर ताजिया निकाला गया और यह जुलूस शाहपुर, कल्याणपुर और कंकारी जैसे इलाकों से होकर गुजरा।
इस जुलूस में बज रहे DJ के साथ चल रहे कुछ लोगों के हाथ में तिरंगा जैसे झंडे भी थे। इस झंडे में बाकी सब कुछ राष्ट्रध्वज की तरह था लेकिन बीच में अशोक चक्र गायब था। अशोक चक्र की जगह उर्दू में कुछ शब्द लिखे हुए थे और उसके नीचे तलवार का चित्र बना हुआ था। आस-पास के लोगों ने इस तिरंगे की फोटो खींच ली।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ऋषव गर्ग ने कहा कि जुलूस के दौरान डीजे बजाया गया और ‘राष्ट्रीय ध्वज’ लहराया गया। हालाँकि, इसका वीडियो वायरल हुआ तो लोगों ने देखा कि तिरंगा के साथ छेड़छाड़ की गई है और उसमें अशोक चक्र की जगह तलवार का चित्र बनाया गया है। इसके बाद पुलिस ने जाँच शुरू की।
एएसपी गर्ग ने कहा, “अशोक चक्र के स्थान पर उर्दू में कुछ शब्द लिखे थे और नीचे तलवार का निशान था। इस मामले में 13 नामजद लोगों सहित 18 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।”
ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान इस्लाम के जानकर मोहम्मद मौसूफ़ ने बताया था कि झंडे के बीच में मुस्लिमों का कलमा तैय्यब लिखा हुआ है। इसको ‘ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि’ के तौर पर पढ़ते हैं। इसका हिंदी में अर्थ, ‘अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं’ होता है।
हालाँकि, इसको लेकर भाजपा नेताओं ने झारखंड सरकार को घेरना शुरू कर दिया। झारखंड भाजपा के नेता दीपक प्रकाश ने इस पर ट्वीट कर नाराजगी जताई। वहीं, भाजपा नेता दिनेशानंद गोस्वामी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति का खतरनाक खेल बताया था।
दीपक प्रकाश ने ट्वीट में लिखा, “पलामू जिले में मुहर्रम जुलूस में राष्ट्रध्वज के साथ छेड़छाड़ का मामला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, तिरंगा झंडा में अशोक चक्र हटाकर उर्दू शब्द लिखना संविधान के खिलाफ है और हमारे राष्ट्रध्वज तिरंगे का अपमान। आखिर हेमंत राज में ऐसी देश विरोधी ताकतें कैसे मजबूत हो रही हैं?”