तमिलनाडु में बिहार के बाद झारखंड के मजदूरों के साथ ज्यादति की खबरें सामने आ रही हैं। काँचीपुरम के किल्लूर में झारखंड के प्रवासी मजदूरों के फँसे होने की खबर है जिनकी वापसी के लिए झारखंड के अधिकारी तमिलनाडु रवाना हो चुके हैं। चेन्नई के कुछ स्थानों से बिहार-झारखंड के मजदूरों के साथ हो रहे हिंसा के कुछ वीडियो सामने आए हैं। जिसके बाद झारखंड सरकार ने इसका संज्ञान लिया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चेन्नई में हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे हमले के बीच काँचीपुरम के किल्लूर गाँव में झारखंड के कुछ मजदूरों के फँसे होने की जानकारी मिल रही है। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों की एक टीम को तमिलनाडु रवाना किया।
तमिलनाडु रवाना हुए झारखंड के अफसर, तमिलनाडु में फंसे झारखंड के कई मजदूरों की होगी वापसी।
— News18 Jharkhand (@News18Jharkhand) March 4, 2023
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टीम में कौन-कौन शामिल ?
झारखंड सरकार की तरफ से तमिलनाडु रवाना की गई टीम में डीआईजी तमिलवानन, डीएसपी शमशाद, एसआई खूबलाल सॉ, एसआई दीपक कुमार, संयुक्त श्रमायुक्त राकेश प्रसाद, श्रम अधीक्षक अभिषेक वर्मा, SRMI के रिप्रेजेंटेटिव आकाश कुमार, राज्य प्रवासी कंट्रोल रूम की रिप्रेजेंटेटिव शिखा लकड़ा शामिल हैं। टीम को फँसे मजदूरों का भुगतान कराते हुए वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई है।
लौटे मजदूरों ने बताई सच्चाई
दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने हिंदी बोलने वाले मजदूरों के साथ हिंसा के वायरल हो रहे वीडियो को फेक बताया है। लेकिन तमिलनाडु से बिहार और झारखंड लौट रहे मजदूर कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि तमिलनाडु में कई जगहों पर हिंदी बोलने वालों पर हमले बढ़े हैं।
अपडेट: दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में तमिलनाडु में हिंदी भाषिक श्रमिकों की हत्या, अंगुलियाँ काटने, फाँसी पर लटकाने जैसे दावे किए गए थे। हमने स्पष्ट रूप से दैनिक भास्कर को क्रेडिट देते हुए ये दावे प्रकाशित किए थे। लेकिन राष्ट्रव्यापी विवाद के बाद दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट अपडेट करते हुए वे दावे हटा लिए हैं। चूँकि भास्कर अपनी पूर्व की रिपोर्ट में किए गए दावों से पीछे हट गया है, इसलिए हमने भी अपनी रिपोर्ट में आवश्यक बदलाव किए हैं।