Sunday, November 17, 2024
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दीपिका के साथ ‘छपाक’ में किया था काम, कैंसर पीड़ित पिता के इलाज के लिए दर-दर भटक रही एसिड अटैक पीड़िता

जनवरी 2014 में एक 55 साल के व्यक्ति ने जीतू पर तेज़ाब फेंक दिया था, जो उनका पीछा करता रहता था। जीतू को फ़िल्म में आधे घंटे का किरदार मिला था, जिसके लिए फिल्म, पार्टी और प्रचार से जुड़े कार्यक्रमों में शूटिंग की गई थी। इसके लिए उन्हें महज 1 लाख रुपए मिले थे।

एक एसिड अटैक पीड़िता अपने पिता की बीमारी के कारण मदद के लिए गुहार लगा रही है। दीपिका पादुकोण ने जब ‘छपाक’ में अभिनय किया था तो दावा किया गया था कि ये एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं के दुःख को दुनिया को सामने लाने का एक उपक्रम है। फ़िल्म फ्लॉप हुई सो अलग लेकिन फ़िल्म के निर्माताओं और इससे जुड़े बॉलीवुड के बड़े लोगों ने उस एसिड अटैक पीड़िता की भी मदद नहीं की, जिसने ‘छपाक’ में अभिनय किया था। उनका नाम जीतू शर्मा है, जिनके पिता गले की कैंसर से पीड़ित हैं लेकिन इलाज के लिए रुपए नहीं हैं।

जीतू का परिवार अलीगढ़ के बरौला जफराबाद क्षेत्र में रहता है। 23 वर्षीय जीतू के पिता मैनपुरी में बतौर हेड कांस्टेबल पदस्थापित थे। 55 वर्षीय सोमदत्त शर्मा पिछले 5 दिनों से पानी तक पीने में असमर्थ हैं क्योंकि उनकी बीमारी ने एक गंभीर रूप ले लिया है। उनकी हालत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। जनवरी में उन्हें नोएडा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया था। अब लॉकडाउन की वजह से उन्हें वहाँ ले जाना संभव नहीं हो पा रहा है। कोरोना संक्रमण आपदा के बीच जीतू और उनका परिवार परेशान है

कैंसर पीड़िता पिता के इलाज में धन की समस्या

अलीगढ़ मुस्लिम कॉलेज के अस्पताल में भी उन्हें दाखिल कराने की कोशिश की गई लेकिन वहाँ बताया कि वो अब नए मरीजों को नहीं ले रहे हैं। सोमदत्त का अंतिम केमो मार्च 19 को हुआ था। इसके बाद मार्च 26 को भी उनका केमो होना था, जो नहीं हो पाया। तब तक लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की घोषणा की जा चुकी थी। जीतू ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस से भी मदद माँगी है लेकिन कोई आगे नहीं आया। उनकी परेशानी ये है कि बिना अनुमति के जिला की सीमा को पार कर के अपने पिता को कैसे ले जाएँगी।

वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे जीतू के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मदद की गुहार लगाई है। परिवार ने 3 लाख रुपए का लोन लिया था, जिसके लिए उन्हें अपने घर को गिरवी रखना पड़ा था। वो सारे रुपए अब तक के इलाज में ख़र्च हो चुके हैं। जनवरी से उनके पिता को वेतन नहीं मिला है क्योंकि अब तक मेडिकल कागज़ात सबमिट नहीं किए जा सके हैं। जीतू एक कैफे में काम करती हैं, जिसे एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा ही चलाया जाता है

जीतू का कहना है कि उनका परिवार अभी तत्काल प्रभाव से मदद के लिए गुहार लगा रहा है क्योंकि उनके पिता की तबियत काफी अस्थिर है। जनवरी 2014 में एक 55 साल के व्यक्ति ने जीतू पर तेज़ाब फेंक दिया था, जो उनका पीछा करता रहता था। जीतू को फ़िल्म में आधे घंटे का किरदार मिला था, जिसके लिए फिल्म, पार्टी और प्रचार से जुड़े कार्यक्रमों में शूटिंग की गई थी। इसके लिए उन्हें महज 1 लाख रुपए मिले थे।

विवादित थी दीपिका पादुकोण की ‘छपाक’

दीपिका पादुकोण की ‘छपाक’ जनवरी 2020 में रिलीज हुई थी। इसके प्रमोशन के लिए वो जेएनयू के वामपंथी छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं, जिसके बाद फिल्म विवादों में फँस गई थी। फ़िल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन के लिए पब्लिसिटी स्टंट के चक्कर में जेएनयू जाने वाली दीपिका पादुकोण को बॉक्स ऑफिस पर तगड़ा झटका तो लगा ही था, साथ ही उनकी ब्रांड वैल्यू को भी चोट पहुँची थी। दीपिका पादुकोण जिन ब्रांड्स का प्रचार करती थीं, उनकी विजिबिलिटी में कमी आ गई थी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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