सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से रिपोर्ट मिल गई है। यह रिपोर्ट उस याचिका से संबंधित है, जिसमें हाईकोर्ट तक स्थानीय लोगों की पहुँच न होने का दावा किया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20-09-2019) को कहा कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उन दावों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि लोग उच्च न्यायालय तक अपनी शिकायत नहीं पहुँचा पा रहे हैं।
बाल अधिकार एक्टिविस्ट्स इनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि घाटी के लोग अपनी शिक़ायत दर्ज कराने हाईकोर्ट तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने कश्मीर में बच्चों को हिरासत में लिए जाने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट तलब की थी।
Supreme Court asks Juvenile Justice Committee of the Jammu and Kashmir High Court to look into the allegations of illegal detention of children in Jammu and Kashmir in the wake of abrogation of Article 370, and submit a report before it within a week. pic.twitter.com/njBRgfk6go
— ANI (@ANI) September 20, 2019
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबडे एवं जस्टिस एसए नज़ीर की पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा, “हमें जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट मिली है और यह रिपोर्ट आपके दावे का समर्थन नहीं करती।” बता दें कि चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि कश्मीर में बच्चों को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के आरोप से संबंधित याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा क्योंकि इसमें बच्चों के बारे में ‘गंभीर बातें’ कही गई हैं।
इसके साथ ही आर्टिकल 370 हटाने के बाद नाबालिगों को हिरासत में रखने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के जुवेनाइल जस्टिस पैनल को जाँच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि अनुच्छेद-370 निष्क्रिय किए जाने के बाद घाटी में बच्चों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें उनके क़ानूनी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान ही सीजेआई गोगोई ने कहा था कि यदि जरूरी हुआ तो वह खुद जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे।