जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पाँच जनवरी को हुई हिंसा की जाँच के लिए वीसी ने पाँच सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया है। अब विश्वविद्यालय के डीन ने नोटिस जारी करते हुए सभी वार्डन को निर्देश दिया है कि इस बात को सुनिश्चित करें कि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में कोई बाहरी व्यक्ति मौजूद न हो।
Dean, Jawaharlal Nehru University (JNU): In case, any outsider/an unauthorized student/guest is found staying in the rooms (of any hostel at JNU), necessary action will be initiated against the resident student, as per administration rules. pic.twitter.com/HMZcjBYBE9
— ANI (@ANI) January 11, 2020
अगर कोई बाहरी शख़्स/अनधिकृत छात्र/अतिथि कमरे में (JNU में किसी भी छात्रावास में) रहता पाया गया, तो प्रशासन के नियमों के अनुसार, हॉस्टल का रूम जिसे अलॉट किया गया है, उस छात्र के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीन ए क़दम ने सीनियर वॉर्डन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसके मुताबिक़ वसंत कुंज थाने की तरफ़ से 7 जनवरी को पत्र प्राप्त हुआ था। इसमें रजिस्ट्रार को यह सुझाव दिया गया है कि वो इस बात का ऑडिट कराएँ कि हॉस्टल में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं रह रहा हो और ऐसा पाए जाने पर तत्काल थाना प्रभारी को सूचित किया जाए। निर्देशानुसार, ऐसे अतिथि/ बाहरी व्यक्ति का विवरण नई दिल्ली स्थित स्टेशन हाउस अधिकारी, वसंत कुंज पुलिस स्टेशन को भेजा जाएगा।
ग़ौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार (5 जनवरी) को साबरमती हॉस्टल में नक़ाबपोश बदमाशों की हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए कुलपति एम जगदीश कुमार ने पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स फेडरेशन (JNUTF) के सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें, प्रोफ़ेसर सुशांत मिश्रा, मज़हर आसिफ़, सुधीर प्रताप सिंह, संतोष शुक्ला और भसवती दास शामिल हैं।
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