जेएनयू हिंसा मामले की जाँच में दिल्ली पुलिस को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑपइंडिया ने एक ख़बर में बताया था कि शुक्रवार (जनवरी 3, 2019) को वामपंथी उपद्रवियों ने विश्वविद्यालय के कम्युनिकेशन सेंटर में घुस कर वहाँ के सिस्टम को तहस-नहस कर दिया था। कर्मचारियों को भगा दिया गया था और इंटरनेट सर्विस के तार भी काट डाले गए थे। इस कारण रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ठप्प हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी के सर्वर को इतना नुक़सान पहुँचाया गया है कि फुटेज लेकर उपद्रवियों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जाँच अपने हाथ में ली है। शुक्रवार को सर्वर डैमेज होने को लेकर जेएनयू प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके अगले दिन गुंडे फिर से कम्युनिकेशन सेंटर में घुस गए थे और उन्होंने फिर से कर्मचारियों को भगा कर तकनिकी सिस्टम को तोड़फोड़ डाला था। जाँच में सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका होगी, इसीलिए पुलिस उन फुटेज का जुगाड़ करने के अन्य उपाय तलाश रही है। बता दें कि जामिया हिंसा मामले में भी जब पुलिस सीसीटीवी फुटेज लेने पहुँची थी, तब छात्रों ने हंगामा किया था। जामिया प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया था।
इसके अलावा कई स्क्रीनशॉट भी शेयर हो रहे हैं। विभिन्न व्हाट्सप्प स्क्रीनशॉट्स से पता चल रहा है कि वामपंथियों ने ख़ूब सोच-समझ कर इस हिंसा की साज़िश रची थी। एबीवीपी वालों के हॉस्टल के कमरे तोड़ डाले गए और उनकी पिटाई की गई। पुलिस ने उन स्क्रीनशॉट्स में दिख रहे नंबरों को खँगाला है। अधिकतर नंबर स्विच ऑफ कर दिए गए हैं। लेकिन, हिंसा के समय उनकी लोकेशन क्या थी- ये ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR)’ तकनीक की मदद से पता चल जाएगा। पुलिस उन नंबरों की जाँच कर रही है।
Delhi Police sources: Crime Branch of Delhi Police is finding it difficult to identify the accused involved in the violence as CCTV server have been damaged. Police is not getting CCTV footage due to server damage done on January 3. An FIR was registered in this regard.
— ANI (@ANI) January 7, 2020
जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद पुलिस ने छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित 19 छात्रों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। जावेद अख्तर ने आइशी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने पर आपत्ति जताई। इस मामले में अब तक 3 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं। हालाँकि, 3 दिन बीतने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। आइशी घोष का दावा है कि उन पर भी हमला किया गया और उनका सिर फोड़ दिया गया। हालाँकि, वायरल वीडियो में वो नकाबपोश दंगाइयों के नेतृत्व करती दिख रही हैं। उनका सिर कैसे फूटा, इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।