जेएनयू हिंसा मामले में जहाँ एक तरफ़ पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है, वहीं दूसरी तरफ दंगाइयों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन भी सख्त हो गया है। जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने रविवार (जनवरी 5, 2020) को हुई हिंसा की वारदात पर बयान देते हुए कहा कि वो छात्रों को छात्रों के रूप में ही देखते हैं, ये नहीं देखते कि कौन किस राजनीतिक गुट से जुड़ा हुआ है। जेएनयू में वामपंथी गुंडों ने एबीवीपी के छात्रों को खोज-खोज कर पीटा। पत्थरबाज उपद्रवियों ने डंडों से छात्रों को मारा। हॉस्टल रूम के गेट तोड़ डाले गए। इसके बाद वामपंथियों ने ख़ुद को पीड़ित बताते हुए बचने का प्रयास किया।
वामपंथी छात्र कुलपति का इस्तीफा माँग रहे हैं। उनका कहना है कि कुलपति ने उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं किया। जगदीश कुमार ने कहा कि जेएनयू को गहन चर्चाओं और विचार-विमर्श के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिंसा की वारदात को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने बताया कि इस बात की जाँच हो रही है कि हमलावर बाहर आए आए या नहीं। उधर रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने जानकारी दी कि उपद्रवियों ने विश्वविद्यालय की संपत्ति को जम कर नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि चीजों को तहस-नहस कर डाला गया है।
रजिस्ट्रार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो भी छात्र इन दंगों में शामिल थे और जिन्होंने भी जेएनयू की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, उन्हें चिह्नित करके इस नुकसान की भरपाई की जाएगी। रजिस्ट्रार ने कहा कि दंगाई छात्रों से ही रुपए वसूल कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी एक ‘फ्री स्पेस’ है, जहाँ छात्रों की गतिविधियों पर कोई लगाम नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि वो ये नहीं देख रहे कि कौन से छात्र किस गुट के थे। बकौल प्रमोद कुमार, पुलिस की जाँच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
I urge all students to come back to the campus, let us put the past behind: Jawaharlal Nehru University Vice Chancellor M Jagadesh Kumar
— Press Trust of India (@PTI_News) January 7, 2020
जेएनयू प्रशासन ने बताया है कि मंगलवार (जनवरी 7, 2020) से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है और इस बार सबकुछ शांतिपूर्ण माहौल में हो रहा है। जेएनयू प्रशासन ने कहा कि अधिकतर छात्र ऐसे हैं, जो पठन-पाठन के कार्य में भाग ले रहे हैं और वो अकादमी कैलेंडर के अनुसार चल रहे हैं। लेकिन, कुछ छात्रों ने उन्हें बाधा पहुँचाने के उद्देश्य से हंगामा किया। बता दें कि यूपी में भी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दंगाइयों से वसूली कर के सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया था। इस फ़ैसले पर अमल भी किया जा रहा है।