प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (12 नवंबर 2020) जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण करेंगे। मूर्ति का अनावरण वर्चुअली यानी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से होगा।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के आधार पर मूर्ति का अनावरण जेएनयू के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में लगभग शाम 6:30 बजे होगा। क्योंकि आयोजन जेएनयू परिसर में होगा, इसलिए तथाकथित बुद्धिजीवियों की तरफ से विवाद की नींव रखी जा चुकी है। जेएनयू छात्र संघ ने शाम 5 बजे परिसर के उत्तरी द्वार पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
जेएनयू छात्र संघ द्वारा जारी किए गए एक पोस्टर में ‘मोदी गो बैक’ लिखा है और शिक्षा मंत्रालय से सवाल भी पूछे गए हैं। पोस्टर के मुताबिक़ यह विरोध प्रदर्शन ‘शिक्षा और छात्र विरोधी मोदी सरकार’ के विरुद्ध किया जा रहा है।
इस दौरान एक और उल्लेखनीय बात यह है कि जेएनयू के तमाम तथाकथित बुद्धिजीवी और लिबरल छात्रों का यह समूह (मुख्य रूप से टुकड़े-टुकड़े गैंग) मूर्ति निर्माण को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का लगातार विरोध कर रहा था। स्वघोषित सेक्युलर छात्रों के इस समूह के मुताबिक़ यह रुपयों की बर्बादी है। जेएनयू के छात्र सनी धीमन ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा:
“आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जेएनयू परिसर आने वाले हैं (आभासी तौर पर)। भाजपा और संघ इसे एंटी नेशनल (देश विरोधी) मानते हैं। अक्टूबर 2016 में हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला जलाया था, आज पूरे देश के किसान उनका पुतला जला रहे हैं। यह स्वामी विवेकानंद की आत्मा के लिए बेहद नकारात्मक होगा, अगर प्रधानमंत्री मोदी किसानों की बात नहीं सुनते हैं।”
वहीं इस मुद्दे पर जेएनयू के ही एक और छात्र ने कहा, “हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षा और सीख के विरुद्ध नहीं हैं लेकिन फ़िलहाल प्राथमिकताएँ तय करने की ज़रूरत है। जब से यह सरकार आई है, तब से जेएनयू की अवधारणा पर लगातार हमले जारी हैं। इस सरकार ने शैक्षणिक गतिविधियों के खर्च लगातार बढ़ाए ही हैं। वह निरर्थक चीज़ों में रुपए बर्बाद कर रहे हैं।”
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से इस आयोजन की जानकारी ट्विटर पर साझा की गई। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “आज शाम 6:30 बजे स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम होगा, जिसमें अपने विचार भी साझा करूँगा। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा।”
इसके अलावा जेएनयू के कुलपति ने भी इस आयोजन के संबंध में बयान जारी किया था। बयान में कहा गया था, “स्वामी विवेकानंद देश के उन चहेते बुद्धिजीवियों और धार्मिक गुरुओं में से हैं, जो भारत के लिए बेहद भाग्यशाली हैं। उन्होंने देश के युवाओं को स्वछंदता, विकास, सद्भाव और शांति का संदेश देकर प्रेरित किया। उन्होंने देश के आम नागरिकों को भारतीय सभ्यता को गर्व से अपनाने की सीख दी।”
बता दें कि स्वामी विवेकानंद की मूर्ति जेएनयू के कुछ पूर्व छात्रों के समर्थन से स्थापित की गई है। कुछ समय पहले दिल्ली की सड़कों को जाम करने के बाद यहाँ के कुछ वामपंथी छात्रों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को अपना निशाना बनाया था। इसी नई स्थापित मूर्ति को बदरंग करते हुए उसके पेडेस्टल पर माओवंशियों ने अपशब्द लिखे थे। “भगवा जलेगा”, “Fu&k BJP” आदि को लाल रंग के पेंट से लिखकर पेडेस्टल को कुरूप बना दिया था।