खद को युवा और ऊर्जावान पत्रकार कहने वाले उज्जवल त्रिवेदी नाम के एक व्यक्ति ने बुधवार (23 फरवरी 2023) को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अनजाने में गलत टर्मिनल पर पहुँच गए। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भारत की विकास कहानी पर सवाल उठाया।
त्रिवेदी ने कहा कि वह मुंबई से बेंगलुरु के लिए सुबह की फ्लाइट ले रहे थे। और वह ‘मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ पहुँचे, क्योंकि उनके ‘बोर्डिंग पास’ में ऐसा कहा गया था। हालाँकि, वहाँ पहुँचने पर उन्हें CISF द्वारा सूचित किया गया कि वह गलत टर्मिनल पर पहुँच गए हैं। उनकी उड़ान घरेलू टर्मिनल से रवाना होगी।
इतना सुनने के बाद त्रिवेदी चकित हो जाते हैं और बहुत सारी बाधाओं को पार करने के बाद वे डोमेस्टिक टर्मिनल तक पहुँचने में सफल हो जाते हैं, क्योंकि वे ‘युवा और ऊर्जावान’ हैं। हालाँकि, उन्होंने पीएम मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सलाह भी दे डाली।
My experience with @AkasaAir pic.twitter.com/emDyT5IzpS
— Ujjawal Trivedi (@iujjawaltrivedi) February 22, 2023
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपने संवाद में साफ होना चाहिए, खासकर जब भारत जी-20 जैसे मंच की आजकल मेजबानी कर रहा हो। त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने कहा कि उनके टिकट पर साफ लिखा था कि उनकी उड़ान अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से थी, जबकि वास्तव में वह घरेलू टर्मिनल से उड़ान भरने वाली थी। अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसे उन्होंने अपना ‘बोर्डिंग पास’ बताया।
हालाँकि, यदि कोई ठीक से नोटिस करता है तो उपरोक्त एक यात्रा कार्यक्रम है, जो उसके टिकटों का विवरण है। पीएनआर की मदद से अकासा एयर की वेबसाइट से प्राप्त उनके टिकट का पूरा स्क्रीनशॉट यहाँ दिया गया है, जिसे उपरोक्त स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
जैसा कि उपरोक्त स्क्रीनशॉट में कोई भी देख सकता है कि उनके टिकट में दिया गया है कि उनकी उड़ान मुंबई के T1 से है, जोकि मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का घरेलू टर्मिनल है। हवाई अड्डे पर टर्मिनल 2 का उपयोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए किया जाता है। हालाँकि, कुछ घरेलू उड़ानें वहाँ से भी संचालित होती हैं।
मुंबई में केवल एक हवाई अड्डा है, जो कमर्शियल उड़ानें संचालित करता है और वह है छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा। हालाँकि, इसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टर्मिनल टी1 और टी2 हैं। यह आमतौर पर सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के मामले में है। उदाहरण के लिए, अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। वहाँ के परिसर में एक घरेलू टर्मिनल और एक अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल है। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीन टर्मिनल हैं- T1, T2 और T3।
कई टर्मिनल वाले ऐसे हवाई अड्डों में विभिन्न टर्मिनलों से विभिन्न उड़ानें संचालित होती हैं। जब कोई कई टर्मिनल वाले हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक करता है तो बोर्डिंग पास पर टर्मिनल नंबर दिया गया रहता है। वेब चेक-इन करके और उसकी एक प्रति प्राप्त करके या हवाई अड्डे पर चेक-इन काउंटर पर जाकर बोर्डिंग पास प्राप्त किया जा सकता है। प्रस्थान टर्मिनल नंबर विभिन्न उड़ान बुकिंग साइटों और एयरलाइन की वेबसाइट/ऐप पर भी प्रदर्शित होता है।
उज्जवल त्रिवेदी ने गलती से मुंबई हवाई अड्डे पर दो अलग-अलग टर्मिनलों को दो अलग-अलग हवाई अड्डा समझ लिया। वास्तव में वे एक ही हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी महाराज मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा में स्थित अलग-अलग टर्मिनल हैं। जब एक हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें होती हैं तो इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कहा जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि यहाँ से सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ही जाती हैं।
अलग-अलग टर्मिनल विभिन्न एयरलाइनों और उड़ानों के लिए भले ही अलग-अलग ग्राहक सेवा प्रदान करते हैं, लेकिन उनका ऑपरेशन केंद्रीकृत रहता है। सभी उड़ानें अभी भी एक ही रनवे का उपयोग करती हैं, एक ही एटीसी टावर द्वारा एक ही रडार और अन्य सेवाओं का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है। अधिकांश हवाई अड्डों के अलग-अलग कार्गो टर्मिनल भी होते हैं, लेकिन वे भी उसी हवाई अड्डे के हिस्से होते हैं।
बोर्डिंग पास कुछ ऐसा दिखता है। जैसा कि कोई भी देख सकता है, इसमें उड़ान के डिपारचर का डिटेल है। इसमें टर्मिनल की भी जानकारी है। उपरोक्त मामले में फ्लाइट ने दिल्ली में इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 (T1) से उड़ान भरी और अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 (T1) पर पहुँची। हालांकि, ये दोनों टर्मिनल ‘घरेलू’ टर्मिनल हैं, अर्थात् आमतौर पर घरेलू उड़ानें वहाँ से उड़ान भरती हैं। इसके बावजूद वे दोनों एक ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का हिस्सा हैं।
टिकट के साथ-साथ बोर्डिंग पास में भी उन टर्मिनलों का स्पष्ट विवरण है, जिनसे यात्री को उड़ान भरनी है और जहाँ पहुँचना है। यह मानक अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास और यह सब यात्री को चेक करना है। पीएम मोदी या नागरिक उड्डयन मंत्रालय की यह नौकरी नहीं है कि शिक्षित, युवा और ऊर्जावान पत्रकारों को यह देखने के लिए है कि उनके टिकट पर उनके टर्मिनल का विवरण कहाँ खोजना है।
दिल्ली जैसे हवाई अड्डों पर दो टर्मिनलों को जोड़ने वाली एक शटल सेवा चलती है। दिल्ली हवाई अड्डे का टर्मिनल 2 और टर्मिनल 3 भी इस तरह से जुड़े हुए हैं कि कोई भी वॉक करके पहुँच सकता है। इसी तरह अहमदाबाद हवाई अड्डे पर दो टर्मिनलों के बीच वॉकवे कनेक्टिविटी भी है।