उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 नवंबर 2021 को शामली के कैराना का दौरा किया था। यहाँ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही खुले मंच से उन्होंने सख्त लहजे में गुंडों को चेताया था। इसका असर भी दिखने लगा है। उनके दौरे के अगले ही दिन ‘कैराना का खौफ’ कहे जाने वाले कुख्यात बदमाश फुरकान ने अपनी जमानत तुड़वाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
फुरकान पर लूट, हत्या, रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2014 में दिनदहाड़े स्थानीय व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विनोद सिंघल की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप फुरकान पर लगा था। इस हत्या के बाद उसे ‘कैराना का खौफ’ कहा जाने लगा। 2017 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन वह जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आ गया था। बताया जाता है कि जेल से निकलने के बाद उसने फिर से व्यापारियों से रंगदारी माँगनी शुरू कर दी थी। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था।
ये है खूंखार फुरकान,कभी UP में ख़ौफ़ का पर्याय रहे फुरकान ने योगीजी के शामली पहुँचने की खबर लगते ही भाग कर कोर्ट से ज़मानत तुड़वाई और वापस जेल में जा छुपा,जी हाँ इसे ही कहते हैं क़ानून का ख़ौफ़ !! pic.twitter.com/GZwKj45oh4
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) November 10, 2021
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शामली में हुए पहले एनकाउंटर में फुरकान घायल हो गया था। यह मुठभेड़ तत्कालीन एसपी अजयपाल शर्मा के नेतृत्व में हुई थी। इसमें गुंबद मोहल्ला निवासी कुख्यात फुरकान के अलावा दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (8 नवंबर 2021) को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में जनसभा को संबोधित करते हुए गुंडों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि जो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेगा उसकी पीढ़ियाँ भूल जाएँगी कैसे दंगा होता है। उन्होंने कहा था, “पिछले चार साल में आपने देखा होगा कि कैराना कस्बे में यहाँ के व्यापारी और नागरिकों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले अपराधी स्वयं पलायन करने के लिए मजबूर हो गए। किसी अपराधी या किसी माफिया की हैसियत नहीं कि वह सिर उठा कर सड़कों पर चल सके और अगर किसी ने निर्दोष नागरिक और व्यापारी पर गोली मारने का दुस्साहस किया तो वह गोली उस व्यापारी और नागरिक पर तो नहीं लगी, लेकिन उल्टे उसकी ही छाती को भेदते हुए उसको ही दूसरे लोक की यात्रा पर भेज दिया गया।”