Sunday, November 17, 2024
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हिंदू घृणा की नई हाइट पर लीना: पहले ‘काली’ को सिगरेट पीते दिखाया, अब शिव-पार्वती को; विदेशी मीडिया से कहा- भारत नफरत की मशीन

लीना एक तरफ सोशल मीडिया में हिंदुओं और उनके अराध्यों को लेकर लगातार जहर उगल रही हैं, दूसरी तरफ वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खुद को असुरक्षित बताकर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को भी आगे बढ़ा रही है।

हिंदू घृणा में सनी फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई (Leena Manimekalai) ने एक नया ट्वीट किया है। इसमें भगवान शिव और देवी पार्वती का मजाक बनाया है। जो फोटो ट्वीट की गई है उसमें शिव-पार्वती बने कलाकारों को धूम्रपान करते दिखाया गया है। लीना वही फिल्ममेकर हैं जिनकी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ विवादों में है।

लीना ने बीते 2 जुलाई को ‘काली’ का पोस्टर ट्विटर पर रिलीज किया था। इसमें ‘काली’ बनी एक्ट्रेस को सिगरेट पीते दिखाया गया था। साथ ही एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में LGBT का झंडा था। इस पर विवाद होने के बाद लीना ने माफी माँगने से इनकार कर दिया था। वहीं, इसके प्रदर्शन के लिए कनाडा की आगा खान म्यूजियम ने माफी माँगी थी

लीना एक तरफ सोशल मीडिया में हिंदुओं और उनके अराध्यों को लेकर लगातार जहर उगल रही हैं, दूसरी तरफ वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खुद को असुरक्षित बताकर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को भी आगे बढ़ा रही है। द गार्डियन को उन्होंने बताया कि भारत नफरत की मशीन बन चुका है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण भारत के तमिलनाडु के मदुरै में पैदा हुईं लीना मणिमेकलई का पालन-पोषण एक हिंदू के रूप में हुआ। लेकिन अब वह एक नास्तिक है। उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि ‘काली’ हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक है। साथ ही अपनी सांस्कृतिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए सेंसरशिप पर एतराज जताया है।

इस रिपोर्ट में लीना के हवाले से कहा गया है, “मैं जिस राज्य से आती हूँ, वहाँ काली को एक बुतपरस्त देवी माना जाता है। वह बकरी के खून में पका हुआ मांस खाती हैं। शराब पीती हैं। बीड़ी (सिगरेट) पीती हैं और जंगली नृत्य करती हैं। यही वह काली है जिसे मैंने फिल्म के लिए अपनाया है।”

लीना का दावा है कि ‘काली’ का पोस्टर ऑनलाइन शेयर करने के बाद उन्हें, उनके परिवार और सहयोगियों को 200,000 से अधिक अकाउंट्स से ऑनलाइन धमकी मिली। उन्होंने इसके लिए दक्षिणपंथी हिंदू समूहों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मुझे अपनी संस्कृति, परंपराओं और ग्रंथों को कट्टरपंथी तत्वों से वापस लेने का पूरा अधिकार है। इन ट्रोल्स का धर्म या आस्था से कोई लेना-देना नहीं है।” साथ ही कहा है कि भारत सबसे बड़े लोकतंत्र से नफरत की सबसे बड़ी मशीन बन गई है। लिहाजा मैं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हूँ।

लीना के ताजा ट्वीट को लेकर भी नेटिजन्स ने नाराजगी जताई है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि ये रचनात्मक अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि जानबूझकर उकसावे का मामला है। उन्होंने कहा कि हिंदुओ को गाली देना- धर्मनिरपेक्षता? हिंदू आस्था का अपमान- उदारवाद है? बीजेपी नेता ने कहा कि लीना का हौसला केवल इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि लेफ्ट पार्टियाँ, कॉन्ग्रेस, टीएमसी उनको सपोर्ट करेंगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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