Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजक़बूलनामा: कमलेश तिवारी के सिर को धड़ से अलग कर बनाना चाहते थे वीडियो,...

क़बूलनामा: कमलेश तिवारी के सिर को धड़ से अलग कर बनाना चाहते थे वीडियो, हत्या से पहले पढ़ी थी नमाज़

ऐसा करके वो लोगों को चेताना चाहते थे कि अब कोई धार्मिक विवादित टिप्पणी न करे। लेकिन, वहाँ घायल होने और पकड़े जाने के डर से वो कमलेश तिवारी का गला पूरी तरह से नहीं रेत पाए थे।

हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपित अशफ़ाक़ और मोइनुद्दीन को गुरुवार (24 अक्टूबर) को मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार के आदेश पर दो दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। क़रीब छ: घंटे तक चली पुलिस पूछताछ में हत्यारों ने अपने ज़ुर्म पर बिना किसी ख़ौफ़ के बयान दिया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार (18 अक्टूबर) को सुबह क़रीब 10:30 बजे जब वो हत्या के मक़सद से भगवा कपड़े पहनकर खुर्शीदाबाद के लिए निकले थे, तो रास्ते में दरगाह में उन्होंने नामज़ पढ़ी थी।

इसके आगे उन्होंने बताया कि कमलेश तिवारी के कार्यालय का पता पूछते-पूछते वो आगे बढ़े। रास्ते में उन्हें लाल कपड़े पहने महिला मिली जिससे दोनों ने तिवारी का पता पूछा। भगवा कपड़े देखकर महिला को भ्रम हो गया और उसने कहा कि चलो मेरे साथ चुनाव प्रचार करो। महिला ने ख़ुद को अल्पसंख्यक मोर्चा का पदाधिकारी बताया था।

महज़ डेढ़ मिनट के अंदर हत्या की इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों ने अपना ज़ुर्म क़बूलते हुए कि वो लोग कमलेश तिवारी का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे। इसके बाद सिर को हाथ में लेकर वीडियो बनाकर दहशत फैलाना चाहते थे। ऐसा करके वो लोगों को चेताना चाहते थे कि अब कोई धार्मिक विवादित टिप्पणी न करे। लेकिन, वहाँ घायल होने और पकड़े जाने के डर से वो कमलेश तिवारी का गला पूरी तरह से नहीं रेत पाए थे।   

आरोपित चाहते थे कि उनका नाम सामने आए, गर्दन पर सामने से किया था वार

अशफ़ाक़ ने बताया कि कमलेश के कार्यालय में पहुँचने पर उन्होंने देखा कि नीचे उनका गार्ड सो रहा था। नीचे कोई नहीं था, वो जीना चढ़ने लगे। कमलेश ने अपने कर्मचारी सौराष्ट्र को बता रखा था कि, कुछ मेहमान आने वाले हैं। इसलिए सौराष्ट्र ने उन्हें नहीं रोका। आरोपितों ने इस बात को नकारा है कि वे पिस्टल व चाकू मिठाई के डिब्बे में लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि अशफ़ाक़ के पास पिस्टल थी, जबकि दोनों चाकू पैंट में रख रखा था। आधा किलो वाले मिठाई के डिब्बे में सिर्फ़ रसीद थी। इसकी वजह थी कि वो ख़ुद चाहते थे कि जाँच में उनका नाम सामने आए। इसीलिए दोनों हर जगह असली आईडी लगा रहे थे और सबूत छोड़ते हुए जा रहे थे।

अशफ़ाक़ ने बताया कि गोली उसे ही चलानी थी। इसलिए जब हमला किया तो उन्हें अचेत करने के लिए चाकू से गर्दन पर सामने की तरफ़ से सीधा वार किया। इस हमले से तिवारी की धीमी सी आवाज़ निकली, इसके बाद मोइनुद्दीन ने तिवारी का मुँह दबाया और अशफ़ाक़ ने गोली चलाई। यह गोली मोइनुद्दीन के हाथ से होकर गुज़री और फिर कमलेश तिवारी को लगी। इस दौरान तिवारी का गला भी रेता गया, इससे मोईनुद्दीन का हाथ भी छिल गया।

चोट लगी होने की वजह से दोनों लोगों ने चोटिल हाथ को जेब में डाला और चौराहे की तरफ भाग निकले। चौराहे पर ही एक मेडिकल स्टोर से अशफ़ाक़ ने डेटॉल, मरहम-पट्टी ख़रीदी। यहाँ से होटल गए और कपड़े बदल कर 16 मिनट में ‘चेक-आउट’ किए बिना बाहर आ गए।

कमलेश तिवारी के फोन पर बात करने से भी थे खफ़ा

आरोपितों ने बताया कि जब वो कमलेश से मिलने कमरे में गए तो वह उनसे ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे। वे लोग बात शुरू करते, तो बीच में ही कभी किसी का फोन आ जाता, तो कभी वो किसी से बात करने लगते थे। बीच-बीच में कई बार कमलेश तिवारी ने उन्हें कहा कि काम बहुत बढ़ गया है। पार्टी का बड़ा सम्मेलन करना है। उनकी इस बात से आरोपित झुँझला भी रहे थे।

कुल चार लोग थे निशाने पर

अशफ़ाक़ ने बताया कि हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के अलावा यूपी अध्यक्ष गौरव गोस्वामी, सूरत के ही एक नेता और लखनऊ में विवादित बयान देने वाले उसके सम्प्रदाय के ही एक व्यक्ति निशाने पर थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -