Saturday, November 2, 2024
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चोटी काटी, पूजा की घंटी से नफरत… पिता का दावा- बच्चे को ईसाई बनाने के लिए आधी रात को गंदे मैसेज भेजती थी महिला टीचर, सेक्स के लिए डालती थी दबाव

करीब चार महीने पहले बच्चा घर लौटा तो उसकी शिखा कटी हुई थी। काफी पूछताछ के बाद उसने बताया कि महिला टीचर उसे चर्च ले गई थी। उसने शिखा कटवा दी। पीड़ित पिता के अनुसार हाल में उन्होंने बेटे का फोन चेक किया तो पाया कि महिला टीचर आधी रात में अश्लील बातें करती थी। शारीरिक संबंध बनाने का दबाव देती थी।

मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले एक नाबालिग बच्चे ने पहले अपनी शिखा (चोटी) काटी। फिर उसे पूजा की घंटी से भी नफरत होने लगी। एक दिन परिजनों ने उसके मोबाइल की पड़ताल की तो पता चला कि स्कूल की एक महिला टीचर उसे ईसाई बनाने की कोशिश कर रही थी। देर रात उसे गंदे मैसेज भेजती थी। कथित तौर सेक्स करने को भी कहती थी। मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर के सेंट एलॉयसिस हाई स्कूल का है।

परिजनों का आरोप है कि स्कूल में हिंदुओं को भिखारी बताकर बच्चों का ब्रेनवॉश किय जा रहा था। धर्मांतरण की इस साजिश का सूत्रधार स्कूल के प्रिंसिपल वाल्टर डिसिल्वा को बताया गया है। 16 अक्टूबर 2023 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस घटना को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस को मामले की तहरीर दी गई है, जिसकी जाँच की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला कानपुर के कैंट थाना क्षेत्र का है। पीड़ित सेंट एलॉयसिस हाई स्कूल का 10वीं कक्षा का छात्र है। पीड़ित परिजनों के अनुसार हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाला उनके बेटे को घर में पूजा के दौरान बजने वाली घंटियों से भी चिढ़ हो गई थी। करीब एक साल से वो वह देवी-देवताओं का सम्मान करना बंद कर चुका था। जब परिवार वालों ने इसकी वजह पूछी तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

करीब चार महीने पहले बच्चा घर लौटा तो उसकी शिखा कटी हुई थी। काफी पूछताछ के बाद उसने बताया कि स्कूल की एक महिला टीचर उसे चर्च ले गई थी। उसने शिखा कटवा दी। पीड़ित पिता के अनुसार हाल में उन्होंने बेटे का फोन चेक किया तो पाया कि महिला टीचर आधी रात में उनके बेटे से अश्लील बातें करती थी। शारीरिक संबंध बनाने का दबाव देती थी।

जिन टीचर पर यह आरोप लगा है वो लगभग 37 साल से स्कूल में पढ़ा रही हैं। उनकी उम्र लगभग 60 साल है और वो रिटारयमेंट के करीब हैं। पीड़ित परिजनों ने इस हरकत को अपने बच्चे के खिलाफ प्यार के बहाने धर्मान्तरण की साजिश करार दिया है। इस साजिश में आरोपित टीचर के पति और भाई को भी शामिल बताया है। पीड़ित छात्र के पिता ने पुलिस में से 11 अक्टूबर 2023 को शिकायत की थी। ABVP का आरोप है कि प्रशासन मामले को दबाना चाहता है, जिसके चलते FIR दर्ज करने में देरी की जा रही है।

मामले के सामने आने के बाद स्कूल प्रशासन ने महिला टीचर को सस्पेंड कर दिया है। 16 अक्टूबर को ABVP के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी के नेतृत्व में स्कूल प्रशासन पर कठोर कार्रवाई की माँग के साथ जुलूस निकला। जुलूस में पीड़ित छात्र के पिता भी शामिल हुए। छात्र के पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल को पूरी साजिश का सूत्रधार बताया है।

महापुरुषों के अध्याय पर लगा दिया गया क्रॉस

छात्र के पिता ने बताया कि स्कूल की एक पी व्हाइट मैडम उनके बेटे से कहती हैं कि हिन्दू लोग भीख माँगते हैं। स्कूल में टीका लगाना और कलावा बाँधने पर भी प्रतिबंध होने की बात कही गई। आरोप यह भी है कि पीड़ित छात्र के परिजनों पर इस मामले को रफा-दफा करने का दबाव भी बनाया गया। वहीं ABVP के पदाधिकारी विक्रांत अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि स्कूल के अंदर छात्रों को जो सिलेबस की किताबें पढ़ने को दी जाती हैं उसमें आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के चैप्टर पर क्रॉस लगा दिया गया है।

कानपुर पुलिस के मुताबिक मामले की जाँच की जा रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि जाँच के बाद निकल कर सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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