उत्तर प्रदेश के कानपुर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में एसआईटी ने मुख्तार बाबा को गिरफ्तार किया है। वह कानपुर के बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट का मालिक है। बताया जा रहा है कि वह कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी की संस्था जौहर फैंस एसोसिएशन को फंडिंग करता था।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डर मोहम्मद बसी और मुख्तार बाबा हिंसा के बाद से ही एसआईटी और कानपुर पुलिस की रडार पर थे। इनके नाम हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में सामने आए थे। अब इसी क्रम में मुख्तार बाबा की गिरफ्तारी हुई है। ये फरार चल रहे थे। न्यूज 18 ने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के हवाले से उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, “कई नाम सामने आए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। मुख्तार बाबा का नाम भीड़ की फंडिंग में सामने आया था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।”
गौरतलब है कि बाबा बिरयानी पर 3 जून की हिंसा में शामिल पत्थरबाजों को बिरयानी खिलाने के आरोप भी लगे थे। हालॉंकि मुख्तार के बेटे महमूद ने ऑपइंडिया से बातचीत में इन आरोपों का खंडन किया था। लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं का दावा था कि अपना अवैध कब्जा बनाए रखने के लिए बाबा बिरयानी और उसके साथी हिंसा की काफी समय से साजिश रच रहे थे। दरअसल, बाबा बिरयानी जिस जगह पर खड़ा है उसके भी मंदिर की जमीन होने की बात कही जाती है।
पिछले दिनों कुछ रिपोर्टों में बताया गया था कि सरकारी रिकॉर्ड में जो जगह राम-जानकी मंदिर के तौर पर दर्ज है, वहीं इस समय बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट की चल रही है। शत्रु संपत्तियों की तलाश के दौरान यह बात सामने आई थी। रिपोर्टों के अनुसार कानपुर के बेकनगंज स्थित डॉक्टर बेरी चौराहा का भवन संख्या 99/14ए रिकॉर्ड में राम-जानकी मंदिर ट्रस्ट का है। यहाँ भगवान श्रीराम का मंदिर था। अस्सी के दशक तक यहाँ पूजा हुआ करती थी। लेकिन अब मंदिर का कुछ ही हिस्सा बचा हुआ है। वह भी जर्जर हाल में है। मंदिर के अन्य हिस्सों को तोड़कर उसका इस्तेमाल रेस्टोरेंट की रसोई के तौर पर किया जा रहा है। कथित तौर पर मुख़्तार कभी राम-जानकी मंदिर के एक हिस्से में साइकिल रिपेयरिंग का काम करता था।