कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivamogga, Karnataka) में बजरंग दल से जुड़े हर्षा की हत्या के बाद हेट क्राइम की एक और घटना सामने आई है। जिले के राजीव गाँधी कॉलोनी के पास मुस्लिम समुदाय के कुछ गुंडों ने भाजपा के वार्ड अध्यक्ष कांताराजू (BJP ward President Kantharaju) पर हमला कर दिया। कांताराजू मृतक हर्षा के मित्र थे।
बजरंग दल से पूर्व कार्यकर्ता कांताराजू अब भाजपा से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब वह नित्य क्रिया के लिए घर से बाहर आए तो उन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उनका कहना है कि बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के विरोध में वे बेहद सक्रिय हैं। इसी लिए उन पर हमला किया गया है। इस हमले में उनके हाथों में चोट आई है।
कांताराजू ने इस मामले में कोटे थाना में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार, हमले में पाँच आरोपित शामिल थे, जिनमें दो की पहचान कर ली गई है। इनके नाम हैं- जुनैद और सोहिम। पुलिस का कहना है कि आगे की जाँच चल रही है।
BIG BREAKING: BJP ward President Kantharaju, friend of Bajrang Dal activist & Veergati attainee #Harsha, attacked near Rajiv Gandhi colony in Shivamogga district of Karnataka
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) July 12, 2022
Bajrang Dal activist Harsha was hack£d to d£ath in Karnataka's Shivamogga 5 months ago. pic.twitter.com/bOxKr2Z40M
हर्षा की हत्या के पाँच महीने बाद उनके दोस्त कांताराजू पर हमला किया गया है। बजरंग दल के 26 वर्षीय कार्यकर्ता हर्षा की 20 फरवरी को चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जाँच में सामने आया था कि हर्षा ने हाल में अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के ख़िलाफ़ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी। यही हत्या की वजह बनी।
इसके बाद राज्य भर में भारी असंतोष पनप गया था। हत्या के विरोध में राज्य भर में लोग सड़कों पर उतर आए थे। हर्षा के इलाके सेगेहट्टी में इकट्ठा हुए बजरंग दल के कार्यर्ताओं के जुलूस पर पथराव, तोड़फोड़ और सार्वजनिक संपत्तियों में आगजनी की गई थी। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जिले भर में धारा 144 लागू कर दी।
इस मामले में 10 कट्टरपंथी मुस्लिमो शामिल हैं। इनमें से कुछ के नाम हैं- रियाज, नदीम, मुजाहिद, कासिफ, आसिफ, अफान (रिहान) को गिरफ्तार किया गया। शिवमोगा पुलिस ने बताया कि आरोपित कार में आए और घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने हर्षा का पीछा किया, फिर उसे मारा।
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित के ऊपर साल 2016-17 में मजहबी भावनाएँ आहत करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। हर्षा की हत्या करने में रियाज, मुजाहिद, कासिफ, आसिफ का हाथ था जबकि इसकी साजिश रचने में नदीम और अफान शामिल थे। हर्षा को मारने के लिए पहले से ही फरमान जारी हो गया था।
इस हत्या पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा था, “हर्षा, जिसे हर्षा हिंदू के नाम से भी जाना जाता था। वो एक कार्यकर्ता था। वो हर तरह के धार्मिक कार्यक्रमों में सबसे आगे रहता था। उसने हाल ही में हिंदुओं के कई अहम मामलों को उठाया था, जिससे कई लोग काफी चिढ़े हुए थे। कई स्थानीय लोग उसके खिलाफ थे। ये हत्या बहुत ही भयानक थी। ये हत्या से बढ़कर है। ये हार्डकोर दुश्मनी है, जिसे एक छोटे से लड़के पर दिखाया गया है। उसकी हत्या पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि वो एक हिंदू एक्टिविस्ट था और बहुत ही मुखर तरीके से अपनी आवाज को उठाता था।”
वहीं, 30 जून 2022 को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने शिवमोगा जिले में 13 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। जिन लोगों के घरों में तलाशी ली गई, वो सभी हर्षा की हत्या के मामले में संदिग्ध हैं। इसको लेकर एक अधिकारी ने कहा था कि आरोपित और संदिग्धों के घरों से तलाशी के दौरान विभिन्न डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, हार्ड डिस्क और अन्य आपत्तिजनक सामग्री और दस्तावेज शामिल हैं।
बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की मौत के मामले में कट्टरपंथी एंगल सामने आया था। कर्नाटक पुलिस ने सभी 10 आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराएँ लगा दी थी।