Sunday, December 22, 2024
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कॉन्ग्रेस सरकार ने उतरवाया हनुमंत ध्वज तो सड़क पर उतरे ग्रामीण, BJP-JDS कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया: ‘बंद’ को कुचलने के लिए क्रूरता

बीजेपी और जेडीएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में भी लिया है। वहीं, स्थानीय महिलाओं पर भी पुलिस बल ने कार्रवाई की है और उन्हें झंडे के नीचे से बलपूर्वक हटा दिया है।

कर्नाटक में 108 फुट ऊँचे खंबे से हनुमान जी का झंडा उतारने के विरोध में ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया है। उनका साथ बीजेपी और जेडीएस कार्यकर्ता भी दे रहे हैं, जिसके बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। बीजेपी-जेडीएस कार्यकर्ताओं को पुलिस-प्रशासन ने हिरासत में भी लिया है। ये मामला कर्नाटक के मंड्या जिले का है। जहाँ केरागोडू गाँव में हनुमान जी की ध्वजा 108 फुट ऊँचे खंबे पर लहराया गया था।

हनुमान जी की इस ध्वजा को लहराने की अनुमति मंड्या जिले के केरागोडू ग्राम पंचायत बोर्ड ने ही दी थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने झंडे को नीचे उतारा। प्रशासन के इस काम का स्थानीय लोगों ने तीखा विरोध किया है, जिनका साथ बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ता भी दे रहे हैं। इस बीच, बीजेपी और जेडीएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में भी लिया है। वहीं, स्थानीय महिलाओं पर भी पुलिस बल ने कार्रवाई की है और उन्हें झंडे के नीचे से बलपूर्वक हटा दिया है। इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद को प्रशासन से निर्दयता से कुचला है।

जानकारी के अनुसार, मंड्या जिले के केरागोडू गाँव में ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा करके एक 108 फीट लंबा पोल स्थापित किया था। इस पर भगवा ध्वज लगा था और आंजनेय (हनुमान जी को यहाँ आंजनेय कहा जाता है) की छवि थी। इसे गाँव के रंगमंदिर के पास लगाया गया था। बताया जा रहा है कि इसके लिए ग्राम पंचायत की भी अनुमति ले ली गई थी।

हालाँकि, गाँव के कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने इसके विरुद्ध शिकायत कर दी। इस शिकायत के आधार पर मंड्या के प्रशासन ने शनिवार (27 जनवरी, 2024) को यहाँ पहुँच कर पोल से ध्वज हटा दिया था। यहाँ ध्वज हटाने के लिए प्रशासन भारी संख्या में पुलिस बल लाया था। इस दौरान गाँव के लोग प्रदर्शन करते रहे और प्रशासन से अपील करते रहे कि यह ध्वज उन्होंने आपसी सहमति से लगाया है, इसके बाद भी प्रशासन नहीं माना। अजब ग्रामीणों ने अधिक प्रदर्शन किया तो उनको यहाँ से हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज तक कर दिया।

एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ध्वज हटाने के लिए रात का समय चुना गया। ध्वज शनिवार रात को हटाया गया। यहाँ हिन्दू रात से ही इकट्ठा होने लगे थे और आज सुबह (28 जनवरी, 2024) को यहाँ माहौल और तनावपूर्ण हो गया। प्रशासन के इस निर्णय से गुस्साए ग्रामीणों ने केरागोडू को बंद रखने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने विरोध में स्थानीय कॉन्ग्रेस विधायक रविंद्रकुमार के पोस्टर भी फाड़ दिए। कुछ लोगों ने उनके इस पूरे मामले के पीछे होने का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद बजरंग दल, भाजपा और जेडीएस कार्यकर्ता भगवा ध्वज को दोबारा लगाए जाने की माँग कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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