हाल ही में कर्नाटक के उडुपी से एक खबर आई। खबर में कहा गया कि ‘नेत्र ज्योति कॉलेज’ की 3 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है। मामला था कॉलेज के वॉशरूम में कैमरा लगाने का। खबरों में कहा गया कि कैमरा लगाने वाली छात्राएँ एक विशेष समुदाय से थीं। वहीं हिन्दू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि पीड़िताएँ हिन्दू समाज से थीं। बताया गया कि ये लड़कियाँ दूसरी लड़कियों के अश्लील वीडियो बना कर अपने समुदाय के लड़कों को भेजती थीं।
कर्नाटक: उडुपी के कॉलेज में लड़कियों का वीडियो बनाया
इस खबर के सामने आने के बाद ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्र संघ की अध्यक्ष रहीं रश्मि सामंत का एक ट्वीट आता है। उन्होंने लिखा कि आखिर अलीमातुल शैफा, शहबानाज़ और आलिया के बारे में बात क्यों नहीं की जा रही है? बता दें कि रश्मि सामंत उडुपी से ही ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने कहा कि इन लड़कियों ने सैकड़ों हिन्दू लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाए। साथ ही ये भी बताया कि अपने समाज के व्हाट्सएप्प ग्रुप्स में इन वीडियो और तस्वीरों को सर्कुलेट किया गया।
साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि कई ऐसी पीड़ित लड़कियाँ हैं जो इस कारण इतनी अवसाद में चली गई हैं कि उनके मन में आत्महत्या के भी ख्याल आ रहे हैं। रश्मि सामंत ने कहा कि इसके बावजूद इस घटना की निंदा नहीं की जा रही है। साथ ही उन्होंने 1992 में अजमेर में हुए रेप कांड की बात की। बता दें कि 1992 में अजमेर के इस काण्ड का खुलासा हुआ था, लेकिन ये वर्षों से चल रहा था। 250 हिन्दू लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनके साथ बलात्कार किया गया था।
Let me tell you, many of the girls who were featured in the videos are depressed and disturbed to the extent that they are contemplating self-harm/suicide. Yet, this issue is not being condemned with the severity it deserves.
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) July 23, 2023
पकड़े जाने के बाद इन तीनों लड़कियों ने दावा किया था कि वो किसी अन्य लड़की के साथ प्रैंक करने जा रही थीं, लेकिन गलती से दूसरी लड़की का वीडियो बन गया। इसके बाद पीड़ित लड़कियों ने कॉलेज प्रबंधन से शिकायत की। कॉलेज की डायरेक्टर रश्मि कृष्णा प्रसाद ने बताया कि पीड़िताएँ पुलिस वगैरह के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती थीं, लेकिन संस्थान ने पुलिस में पेटिशन दिया। जिन मोबाइल फोन्स में वीडियो होने की बात कही गई, उन्हें भी जाँच के लिए दे दिया गया।
रश्मि सामंत के घर में घुस गई पुलिस: वकील
आरोप है कि रश्मि सामंत के इस ट्वीट के बाद कर्नाटक पुलिस उनके पीछे पड़ गई। अधिवक्ता आदित्य श्रीनिवास ने ट्वीट कर के बताया कि सोमवार (24 जुलाई, 2023) को रात के 8 बजे कर्नाटक पुलिस के अधिकारी रश्मि सामंत के घर पहुँचे। उस समय वो घर से बाहर थीं। इसके बाद पुलिस वालों ने उनके माता-पिता से पूछताछ की और कई बार पूछा कि आखिर उनकी बेटी कहाँ हैं। आरोप है कि उनके पिता को कई बार फोन कॉल कर-कर के परेशान किया गया और उनकी बेटी के लोकेशन के बारे में पूछा गया।
आदित्य श्रीनिवासन ने बताया, “ये स्पष्ट है कि पुलिस मेरी क्लाइंट रश्मि सामंत के पीछे इसीलिए पड़ी है, क्योंकि उन्होंने उडुपी के कॉलेज में हिन्दू लड़कियों के वीडियो रिकॉर्ड किए जाने की घटना की निंदा की। वो मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और देश-विदेश में इन मुद्दों पर आवाज उठाती रही हैं। उन्होंने ब्रिटिश संसद के ‘हॉउस ऑफ कॉमन्स’ में लेस्टर में हुई हिन्दू विरोधी हिंसा पर रिपोर्ट प्रकाशित की। उनके ताज़ा ट्वीट्स भी अभियक्ति की आज़ादी के तहत ही किए गए हैं।”
अधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि चूँकि संविधान के दायरे में रह कर ये किया गया है, इसीलिए कर्नाटक पुलिस ने टॉर्चर करने के लिए असंवैधानिक तरीका अपनाया है। उन्होंने कहा कि ये मुद्दा देश भर में जा चुका है, ऐसे में रश्मि सामंत के घर जाने से ये नहीं थमेगा। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि रात के समय किसी महिला को इस तरह से गिरफ्तार करने के लिए पुलिस नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि अपने गृह जिले में हुए एक अपराध को लेकर रश्मि सामंत ने जागरूकता फैलाई।
2. Multiple calls were made by the police to her father late in the evening to try and locate Rashmi. It’s clear that the police visited my client’s residence in connection with @RashmiDVS’ recent tweets condemning the secret video recording of Hindu girls in a college toilet.
— Adhitya Srinivasan (@ads_0013) July 24, 2023
फिर एक महिला के पीछे पड़ा मोहम्मद ज़ुबैर
रश्मि सामंत के घर कर्नाटक पुलिस का पहुँच जाना महज एक संयोग नहीं था। इससे पहले AltNews वाले मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट कर के रश्मि सामंत और शेफाली वैद्य को निशाना बनाया था। बता दे कि मोहम्मद ज़ुबैर ने ही नूपुर शर्मा का एडिटेड वीडियो वायरल किया था, जिस कारण एक वर्ष से अधिक समय होने के बावजूद वो घर में कैद रहने को मजबूर हैं। इसके बाद राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल तो महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की गला रेत कर हत्या कर दी गई।
मोहम्मद ज़ुबैर ने दावा कर डाला कि रश्मि सामंत लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने उन पर ‘महिला कार्ड’ खेलने का भी आरोप लगा डाला और अनजान यूट्यूब चैनल के हवाले से प्रोपेगंडा चलाने का आरोप मढ़ा। उसने दावा कर दिया कि ‘इंडिया टुडे’ के आर्टिकल में भी दक्षिणपंथियों को कोट किया गया, जबकि ये भ्रामक सूचनाएँ हैं। उसने उडुपी पुलिस को टैग कर के रश्मि सामंत के खिलाफ एक्शन लेने के लिए भड़काया।
Will @PoliceUdupi take action against these accounts for amplifying misinformation related to Udupi?
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) July 24, 2023
C'C: @DrParameshwara @DgpKarnataka @HMOKarnataka pic.twitter.com/XY0e5f4FBB
जबकि ये साफ़ है कि सच्चाई यही है कि ये मामला दो समुदायों का था। यहाँ तक कि ‘द न्यूज मिनट’ ने स्पष्ट लिखा कि निलंबित की जाने वाली छात्राएँ मुस्लिम समाज से थीं। वहीं मीडिया संस्थान ने ये भी लिखा कि जिन लड़कियों के वीडियो बनाने की बात कही गई वो मुस्लिम समाज से थीं। इसी तरह ‘मंगलौर टुडे’ ने भी लिखा कि एक समुदाय की लड़कियों ने दूसरे समुदाय की लड़कियों का वीडियो बनाया, जिसके बाद तनाव हुआ। ऑपइंडिया आरोपितों के नामों की पुष्टि की कोशिश कर रहा है।