केरल के एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों ने ‘गणित प्रार्थना’, देवी सरस्वती की तस्वीर और ऊँ छपी पुस्तिका वितरित की। जिसके बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। यह पुस्तिका तिरुवनंतपुरम के उपनगर अझीकोड स्थित सरकारी स्कूल में वितरित की गई थी, जहाँ पर पढ़ने वाले 80 फीसदी छात्र मुस्लिम समुदाय के हैं। स्कूल प्रशासन ने यह कार्रवाई मुस्लिम छात्रों के अभिभावकों और स्थानीय शिक्षकों के विरोध के बाद की।
यह पुस्तिका पाँचवीं से सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को ‘गणित प्रार्थना’ गतिविधि के तहत वितरित की गई थी और कहा गया था पुस्तिका में लिखी प्रार्थना रोज पढ़ने से गणित पढ़ने-सिखने में उन्हें मदद मिलेगी। इसके विरोध में अभिभावकों और कुछ राजनीतिक दलों ने सोमवार (फरवरी 17, 2020) को स्कूल तक मार्च निकाला और दोनों शिक्षकों को हटाने की माँग की। अभिभावक-शिक्षक संघ (PTA) ने भी इसकी माँग की थी, जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने दोनों शिक्षकों को छुट्टी पर जाने के लिए कहा।
सहायक शैक्षिक अधिकारी (AEO) राज कुमार ने शिकायत पर स्कूल का दौरा किया और कहा कि जल्द ही इस मामले में रिपोर्ट सामान्य शिक्षा विभाग के निदेशक को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही इसमें PTA और प्रधानाध्यापक की रिपोर्ट भी संलग्न की जाएगी।
अधिकारी ने कहा, “यह एक पब्लिक स्कूल है और आरोप है कि शिक्षकों ने धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया, जो कि नियमों के खिलाफ है। हमें स्कूल को बचाने की जरूरत है। इसके लिए हमें सभी की जरूरत है। स्कूल के दो शिक्षकों की ओर से लापरवाही हुई है।” इस बीच प्रार्थना लिखने वाली शिक्षिका राजलक्ष्मी ने पुलिस में शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें फोन पर धमकी मिल रही है।
#Breaking | ‘Islamists’ oppose ‘Om’ in Kerala.
— TIMES NOW (@TimesNow) February 17, 2020
2 teachers have been punished for writing ‘Om’.
TIMES NOW’s Vivek Narayan with details. Listen in. | #OMNotAllowed pic.twitter.com/xXnx3fqMBy
अब ये बात सामने आ रही है कि इस प्रदर्शन के पीछे कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ है। इसी संगठन ने ऊँ और माता सरस्वती की तस्वीर पर आपत्ति जताते हुए शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए स्कूल के अधिकारियों पर दबाव बनाया था। बता दें कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का मूल संगठन इस्लामी कट्टरपंथी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) है। हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए हिंसा में PFI का हाथ सामने आया था। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि PFI ने देश में दंगा भड़काने के लिए एक महीने में 120 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
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