Sunday, December 22, 2024
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सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया दोषी

धमाका 15 जून 2016 को किया गया था। टिफिन बॉक्स में आईईडी बम को छिपाकर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी जीप में रखा गया था। घटनास्थल के पास ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का कोर्ट भी था। पुलिस ने ब्लास्ट वाली जगह से 15 बैटरी, 17 फ्यूज, तार और एक बैग बरामद किया था।

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान। एक अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

कोल्लम की जिला अदालत ने सोमवार (4 नवंबर 2024) को यह फैसला सुनाया। इन सभी को मंगलवार (5 नवंबर) को सजा सुनाई जाएगी। इस घटना में कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी एक जीप को उड़ा दिया गया था। जांच से यह बात भी सामने आई थी कि पूरे राज्य में सिलसिलेवार धमाकों की साजिश रची गई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धमाका 15 जून 2016 को किया गया था। टिफिन बॉक्स में आईईडी बम को छिपाकर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी जीप में रखा गया था। घटनास्थल के पास ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का कोर्ट भी था। सुबह 10:45 पर हुए इस धमाके की वजह से अदालत आया एक 61 वर्षीय बुजुर्ग घायल हो गया। पुलिस ने ब्लास्ट वाली जगह से 15 बैटरी, 17 फ्यूज, तार और एक बैग बरामद किया था।

जाँच के बाद पुलिस ने कुल 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें दोषी करार दिए गए तीन लोगों के अलावा मोहम्मद अयूब और शमशुद्दीन भी थे। इनके आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े होने की बात भी सामने आई थी। आरोपितों के खिलाफ UAPA एक्ट, विस्फोटक अधिनियम व हत्या के प्रयास की धाराओं सहित अन्य सेक्शनों में कार्रवाई की गई थी। बाद में मोहम्मद अयूब सरकारी गवाह बन गया था।

दोषी करार दिए गए सभी लोग तमिलनाडु में मदुरै के निवासी हैं। पूछताछ में यह भी पता चला था कि केरल में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची जा रही थी। पुलिस ने साल 2019 में इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट लगाई। साल 2023 में इस केस पर सुनवाई शुरू हुई। इस सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 63 गवाह पेश किए। इसके अलावा कोर्ट में 119 अलग-अलग कागजात व 24 अन्य सबूत भी रखे गए।

इस मामले की सुनवाई प्रधान सत्र न्यायाधीश जी गोपकुमार की अदालत में हुई। बचाव पक्ष ने भी दलीलें पेश की। इसके बाद सोमवार को अदालत ने 31 वर्षीय अब्बास अली, 33 साल के शमशुन करीम राजा और 27 साल के दाऊद सुलेमान को दोषी करार दिया। शमशुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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