केरल में गर्भवती हथिनी की मौत के मामले की जाँच तेज हो गई है। पुलिस ने जानकारी दी है कि मामले के दो आरोपी अभी भी फरार हैं। पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक जी शिवा विक्रम ने फरार होने वाले लोगों के नाम अब्दुल करीम और उसका बेटा रियासुद्दीन बताया है। दोनों ही अंबालाप्पारा के निवासी हैं।
दरअसल दोनों के उस संपत्ति के मालिक होने का संदेह है, जहाँ से आरोपित पी विल्सन को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक पुलिस ने जबकि दूसरी प्राथमिकी वन विभाग द्वारा दर्ज कराई गई है।
पलक्कड़ में मन्नारक्कड़ पुलिस ने 3 जून को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी के आधार पर धारा 9 बी (1) (बी)(विस्फोटक अधिनियम, 1884) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अधिनियम के तहत विस्फोटक रखने, उसका उपयोग करने, बिक्री या एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर कारावास की सजा का प्रावधान है।
एक मामला पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम 1960 के सेक्शन की धारा 11(1) के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें उपधारा (1) (ए) के तहत पशुओं को पीटना, उनको प्रताड़ित करना, वाहन में ओवरलोड करना, यातनाएँ देना आदि शामिल है।
केरल पुलिस ने इस मामले पी विल्सन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। खबरों के मुताबिक केरल के वन मंत्री के राजू ने कहा कि पी विल्सन को शुक्रवार (05, 2020) को गिरफ्तार किया गया, जो कि नकदी फसलों और मसालों की खेती करने वाली एक फर्म का कर्मचारी है।
कथित तौर पर आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने जंगली सूअर को डराने के लिए पटाखों से भरे फलों का एक जाल बिछाया था, क्योंकि जंगली सूअर आए दिन उनकी खेती को नष्ट कर देते हैं।
दरअसल अन्नास में रखे पटाखों को खाने से गंभीर रूप से घायल हुई 15 वर्षीय हथिनी की मौत पलक्कड़ में हो गई थी। यह घटना 27 मई को तब सामने आई थी कि जब वन विभाग के अधिकारी मोहन कृष्णन ने हथिनी की मौत के बारे में एक फेसबुक पोस्ट लिखा था।
पटाखा से भरे फल खाने के बाद हथिनी पास के वेल्लियार नदी में जा गिरी। जंगल के अधिकारियों ने भी इसे बचाने की भरपूर कोशिश की। कथित तौर पर कुछ स्थानीय लोगों ने 25 मई को इस हथिनी को गाँव में आते हुए देखा था और 27 मई को पूरे दिन पानी में खड़े रहने के बाद उसकी मौत हो गई।
मृत हथिनी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि अन्नास में पटाखे रखकर उसे खिलाया गया था, जिसके फटने से उसका मुँह गंभीर रूप से घायल हो गया था। मुँह में गहरे घाव के चलते वह दो दिन तक कुछ नहीं खा सकी, जिसके कारण वह कमजोर होकर पानी में ही गिर गई।