केरल के सोना तस्करी घोटाला में बड़ा खुलासा हुआ है। कस्टम कमिश्नर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखा है न सिर्फ उनके दफ्तर, बल्कि इस मामले की जाँच कर रहे प्रत्येक अधिकारी को CRPF की सुरक्षा मुहैया कराई जाए। केरल सोना तस्करी घोटाला मामले में कई बड़े नाम सामने आने वाले हैं और इसलिए अधिकारियों को लगता है कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। इस मामले में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के शामिल होने की आशंका है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने कस्टम अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की थी। लेकिन बाद में उन्हें केरल पुलिस से सुरक्षा लेने को कहा गया था। सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया, जब इस मामले में मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने वकालत छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने इसके लिए ‘प्रोफेशनल कारणों’ को जिम्मेदार बताया। कहा जा रहा है कि स्वप्ना और सरित कुमार के अप्रूवर बनने के कारण ऐसा हुआ है।
शुक्रवार (दिसंबर 4, 2020) को दोनों मजिस्ट्रेट के सामने अपना कबूलनामा दे चुके हैं। उसी दिन इन दोनों के अलावा IAS अधिकारी एम शिवशंकर और यूनिटेक बिल्डर्स के एमडी संतोष से पूछताछ हुई। जयघोष और सिद्दीकी नामक दो आरोपितों से भी पूछताछ हुई है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हवाला नेटवर्क के जरिए 100 करोड़ रुपए भेजे जा रहे थे और इस मामले में राजनयिकों के भी शामिल होने की आशंका है।
Finally PwC directly hits at Kerala Government. Their petition at High Court clearly say that Gold Smuggling Case accused Swapna Suresh by recommended to PwC from Govt side, ie KSITIL. pic.twitter.com/fORzXLwtgS
— Jikku Varghese Jacob (@Jikkuvarghese) December 5, 2020
जुलाई 5, 2020 को कस्टम अधिकारियों ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से 30 किलो सोना जब्त किया था। इसके बाद UAE काउंसलेट में काम करने वाले सरित कुमार की गिरफ़्तारी हुई थी। स्वप्ना सुरेश का भी नाम आया, जिसकी नियुक्ति शिवशंकर के ही इशारे पर हुई थी। केरल के मुख्यमंत्री ने शिवशंकर को सस्पेंड करने का निर्णय लिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अब सीएम के एडिशनल सेक्रेटरी रवीन्द्रन का नाम सामने आया है।
इससे पहले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के संयोजक बेनी बेहानन ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पद से हटाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि जब से मुख्यमंत्री कार्यालय पर सवाल उठने शुरू हुए हैं, पिनराई का पद पर बने रहना अनुचित है। उन्होंने लिखा था कि उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील के अलावा, कुछ और मंत्रियों के बच्चे भी सवालों के घेरे में आ गए हैं।