केरल की कम्युनिस्ट सरकार केंद्र सरकार से मिलने वाला राशन नहीं ले रही है। यह राशन केंद्र सरकार मुफ्त में देती है। इसके बाद भी राज्य सरकार जारी किए गए कोटे को पूरी तरीके से उपयोग में नहीं ला रही। यह राशन केंद्र सरकार के पास ही है।
ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार ने केंद्र सरकार से मुफ्त में मिला 17,000 टन चावल और 400 टन से अधिक गेंहू नहीं लिया है। यह समस्या मई से चलते आ रही है। केरल सरकार मई से ही यह राशन गोदामों से नहीं उठा रही है।
केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है। केंद्र सरकार की यह योजना कोविड महामारी के समय से ही चालू है और केंद्र सरकार ने इस योजना को वर्ष 2028 तक बढ़ा दिया है। इसके अंतर्गत राज्यों को उनके यहाँ लाभार्थियों के हिसाब से अनाज जारी किया जाता है।
केरल को केंद्र सरकार राज्य में ही स्थित भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों से राशन उपलब्ध करवाती है। केरल के खाद्यान्न गोदामों से राशन उठाने का जिम्मा केरल की SUPPLYCO कम्पनी के पास है। यह केरल की सरकारी कम्पनी है। इसके जरिए केरल सरकार राशन समेत तमाम रोजमर्रा की जरूरत का सामान बेचती है।
केरल सरकार को केंद्र सरकार हर महीने 1.05 लाख टन चावल और 15,629 टन गेंहू जनता में बाँटने के लिए देती है। इसी में से केरल सरकार 17 हजार टन चावल और 400 टन गेंहू नहीं उठा पाई है। यह स्थिति तब है जब केरल सरकार लगातार केंद्र सरकार से अपना कोटा बढ़ाने की माँग करती आई है।
कोटा बढाने की बात करने वाली केरल सरकार खुद को पहले से मिलने वाला राशन ही नहीं ले पा रही है। केरल सरकार की इस नाकामी के पीछे राज्य के ट्रक डीलरों की हड़ताल मानी जा रही है। कहा गया है कि उनको पहले का भुगतान नहीं मिला है इसलिए वह नया राशन नहीं उठा रहे।