Sunday, September 8, 2024
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केरल हाई कोर्ट ने रद्द किया नाबालिग से रेप का मामला… क्योंकि पीड़ित-आरोपित ने कर ली है शादी: कहा- परिवार को राजी-खुशी रहने दें

हाई कोर्ट ने कहा, "इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है जिससे उन्हें मुकदमेबाजी झेलनी पड़े और बच्चों के हित को नुकसान पहुँचे। ऐसे में इस मामले में FIR को निरस्त किया जा सकता है।" कोर्ट ने इससे पहले ऐसे मामलों में समझौते पर कड़ी टिप्पणियाँ की।

केरल हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ POCSO और रेप की गम्भीर धाराओं में दर्ज किए गए एक मामले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपित और पीड़िता अब समझौता करके शादी कर चुके हैं और खुशी-खुशी जी रहे हैं इसलिए इस मामले को रद्द कर दिया जाए।

केरल हाई कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण और रेप के मामले के विरुद्ध दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कार्रवाई की। कोर्ट के समक्ष आरोपित ने अपने विरुद्ध दर्ज FIR को रद्द करने की माँग की थी क्योंकि अब उसकी और पीड़िता की शादी हो चुकी है।

केरल हाई कोर्ट ने FIR रद्द करते हुए कहा, “रेप और POCSO के मामलों ने समझौता कानून को स्वीकार्य नहीं है। हालाँकि, इस मामले में, आरोपति ने नाबालिग पीड़िता के साथ संबंध बनाए और उसका यौन उत्पीड़न किया जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। इसके बाद आरोपित ने पीड़िता से शादी कर ली है और अब वे दो बच्चों के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं। ऐसे मामलों में, समझौते के रास्ते में आने वाली बाधाओं को मानवता के नजरिए से देखते हुए हटा दिया जाना चाहिए। ताकि शांतिपूर्ण पारिवारिक जीवन सुनिश्चित हो सके।”

हाई कोर्ट ने कहा, “इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है जिससे उन्हें मुकदमेबाजी झेलनी पड़े और बच्चों के हित को नुकसान पहुँचे। ऐसे में इस मामले में FIR को निरस्त किया जा सकता है।” कोर्ट ने इससे पहले ऐसे मामलों में समझौते पर कड़ी टिप्पणियाँ की।

कोर्ट ने कहा, “रेप या रेप के प्रयास के मामले में, किसी भी परिस्थिति में समझौते के बारे में नहीं सोचा जा सकता है। ये एक महिला के शरीर के खिलाफ अपराध हैं जो उसका अपना मंदिर है। ये ऐसे अपराध हैं जो प्रतिष्ठा को कलंकित करते हैं। जब एक मानव शरीर अपवित्र होता है, तो ‘सबसे शुद्ध खजाना’ खो जाता है। ऐसे मामलों में समझौता नहीं हो सकता क्योंकि यह उसक सम्मान के खिलाफ होगा जो सबसे ज्यादा मायने रखता है। यह पवित्र है।”

यह मामला 2021 में हुए अपराध से जुड़ा है। इस मामले में आरोप था केरल के एर्नाकुलम में एक व्यक्ति एक 17 वर्षीय नाबालिग को अपने साथ भगा ले गया और बाद में उसके साथ यौन शोषण किया। इसके कारण नाबालिग गर्भवती हो गई। मामले में लड़की की माँ को भी आरोपित बनाया गया क्योंकि उसने इस घटना को पुलिस को नहीं बताया था।

इसके बाद आरोपित लड़के के विरुद्ध POCSO, रेप, अपहरण समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि, कुछ समय बाद लड़की और आरोपित ने शादी कर ली और उनके दो बच्चे भी हैं। दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया और इस आरोपित के विरुद्ध FIR को रद्द करने की माँग की गई। इसके बाद कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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