केरल के मलप्पुरम जिले के वन्नियामबलम मंदिर में जूते पहन कर प्रवेश करने वाली एक महिला के खिलाफ श्री त्रिपुरसुंदरी देवी मंदिर के सचिव सरथ कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है। ऑर्गेनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार महिला ने हिजाब पहन रखा था। हालाँकि, अभी तक महिला की पहचान नहीं हो पाई है। मंदिर परिसर में बैठी इस लड़की की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें वह मंदिर परिसर में जूता पहनकर बैठी हुई दिखाई दे रही है।
सरथ कुमार ने अपनी शिकायत में महिला पर जान-बूझकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लड़की का अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153A और 295A के तहत दंडनीय है।
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि केरल के मलप्पुरम में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है। जनगणना के आँकड़ों के मुताबिक यहाँ के लगभग 70% निवासी मुस्लिम हैं। दरअसल, मलप्पुरम को इस्लामवादी कट्टरवाद का अड्डा माना जाता है और मुस्लिम लीग की उपस्थिति की वजह से मलप्पुरम जिले में कट्टरता का विस्तार भी हुआ है।
इस साल की शुरुआत में खबर आई थी कि मलप्पुरम जिले के कुट्टिपुरम में एक कॉलोनी के हिंदू निवासियों को कथित तौर पर पीने के पानी से वंचित किया गया था और ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर सरकार का समर्थन करने के लिए मुस्लिम समूहों द्वारा कथित रूप से बहिष्कार का सामना करना पड़ा था।
केरल का मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिला ग्रूमिंग जिहाद का फैक्ट्री है
हकीकत यह है कि कई विवादास्पद धार्मिक रूपांतरण केंद्रों का मुख्यालय इस जिले में है। 2016 की एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, कोझिकोड और मलप्पुरम में दो ज्ञात धर्मांतरण केंद्रों ने 2011 और 2015 के बीच 5,793 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित किया। रिपोर्ट में कहा गया कि संभव है कि गैर-मान्यता प्राप्त धर्मांतरण केंद्रों में इससे अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन किया गया हो।
हाल ही में सिरो मालाबार चर्च, केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल और कई ईसाई संगठनों ने केरल में ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद) मामलों की बढ़ती संख्या पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। पिछले कुछ वर्षों से यह भी आरोप लग रहे हैं कि केरल में ऐसी ताकतें सक्रिय हैं, जो युवा महिलाओं को निशाना बना रही हैं, ‘धार्मिक अध्ययन’ के नाम पर उनका ब्रेनवॉश करके जबरन धर्मांतरण करवा रही है। इसके बाद उन्हें सेक्स स्लेव्स के रुप में आईएसआईएस के पास भेजा जाता है।