केरल के एक रेडियो जॉकी (RJ) की 5 साल पहले हुई हत्या के मामले में तिरुवनंतपुरम की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार (18 अगस्त, 2023) को दो दोषियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। दोनों दोषियों मुहम्मद सलीह और अप्पुनी पर आरजे के परिवार को 2.4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
इस केस का मुख्य आरोपी अब्दुल सत्तार अभी भी फरार है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते इस मामले में अदालत ने सबूतों के अभाव में 9 आरोपितों को केस से बरी कर दिया था। दरअसल, सत्तार ने अपनी पत्नी के साथ लव अफेयर की वजह से आरजे राजेश की उनके रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हत्या करवा दी थी।
RJ की हत्या के तार जुड़े हैं कतर से
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आरजे राजेश की हत्या के तार खाड़ी मुल्क कतर से जुड़े हैं। मूल रूप से केरल के ओचिरा का निवासी और क़तर में कारोबार चलाने वाला अब्दुल सत्तार इस हत्याकांड का मुख्य आरोपित है। वह अभी भी फरार है। पुलिस के मुताबिक, राजेश और सत्तार की पत्नी की मुलाकात दोहा में 2016-17 में हुई थी और दोनों में प्रेम प्रसंग चल रहा था। राजेश के कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुँची कि उसका दोहा में उस महिला के साथ संबंध था।
तब मुख्य आरोपित की पत्नी वहाँ डांस सीखती थी और 35 साल का आरजे राजेश एक मलयालम रेडियो स्टेशन में साथ काम कर रहा था। तब उसने सत्तार की पत्नी का इंटरव्यू लिया था। इस दौरान सत्तार और उसकी पत्नी में अलगाव हो गया और नौकरी छूट जाने के बाद मृतक राजेश भी 2017 में केरल वापस लौट आया था।
लेकिन इसके बाद भी वो लगातार महिला के संपर्क में रहा था। उसने लौटने पर मदावूर में रिकॉर्डिंग स्टूडियो खोला और इसके साथ ही एक लोकसंगीत बैंड में शामिल हो गया था। इस केस के जाँचकर्ताओं का कहना है कि हत्या के लिए उकसावे की वजह सत्तार की पत्नी का राजेश के साथ अफेयर था।
आरजे को मारने की सुपारी इस बीवी से अलग हुए आरोपित पति सत्तार ने ही दी थी। पुलिस के मुताबिक, दोहा में एक हेल्थ क्लब चलाने वाले सत्तार ने राजेश को खत्म करने के लिए अपने क्लब के ट्रेनर सलीह को ‘सुपारी’ दी थी। ट्रेनर ने अपने मालिक लिए वफादारी की वजह से इस काम को करने के लिए हामी भरी दी।
हत्यारों ने की थी रेकी
जाँच में शामिल अधिकारी ने बताया कि हत्या से एक दिन पहले हत्यारों ने रेकी की थी। वो कुछ प्रोजेक्ट पर चर्चा करने के बहाने राजेश के रिकॉर्डिंग स्टूडियो में गए। इस दौरान आरजे राजेश ने उन्हें बताया कि वह 27 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होगा। उन्होंने सोचा कि कहीं वो मौका चूक न जाएँ, इसलिए गिरोह ने दिन के उजाले से पहले उनकी हत्या करने का फैसला किया। दरअसल उसी दिन वो महिला कतर से उड़ान भरकर भारत के लिए आ रही थी। राजेश और उनके 50 साल के दोस्त कुट्टन 26 मार्च, 2018 की रात को एक स्थानीय मंदिर में प्रदर्शन के बाद मदावूर में रिकॉर्डिंग स्टूडियो में लौटे थे।
कुट्टन स्टूडियो की इमारत के सुनसान बरामदे पर बैठ गया, जबकि राजेश अंदर चला गया। तभी, एक कार स्टूडियो के सामने रुकी और कुछ आदमी बाहर निकले। उन्होंने सबसे पहले कुट्टन पर हमला किया, लेकिन किसी तरह वो बच के भाग निकला। इसके बाद हमलावरों ने स्टूडियो पर धावा बोल राजेश पर जानलेवा हमला कर दिया।
जब तक पुलिस पहुँची, राजेश लगभग लहूलुहान हो चुका था। जाँच टीम का हिस्सा रहे एक पुलिस अधिकारी ने का कहना था, “जब गिरोह स्टूडियो में दाखिल हुआ, तो राजेश फोन पर महिला से बात कर रहा था। उसने उसकी चीखें सुनीं और दोहा से तिरुवनंतपुरम में उसके दोस्तों को फोन कर घटना बताई, जिन्होंने पुलिस को सतर्क कर दिया।”
पुलिस ने कहा कि हमला जिस तरह से किया गया उससे पता चलता है कि यह योजनाबद्ध था और इसका मकसद राजेश को निशाना बनाना था, क्योंकि हमलावरों ने कुट्टन को भागने दिया था। जाँच में तब तेजी आई जब पुलिस को पता चला कि करुनागप्पल्ली में स्पीड डिटेक्शन कैमरे ने घटना के कुछ घंटों बाद हमलावरों की लाल कार की फुटेज ली है।
इससे पुलिस मालिक तक पहुँच गई। उसने उन्हें बताया कि उसने गाड़ी को एक आदमी को किराए पर दिया था। ये आदमी आरजे की हत्या में एक सहयोगी के तौर पर पहचाना गया, जिसने इस अपराध में मदद की थी। इस तरह इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के तार जुड़ते चले गए। हत्या के बाद सलीह काठमांडू के रास्ते दोहा लौट आया, लेकिन जब तक वह कतर पहुँचा, पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया था।
हालाँकि, दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन हत्या में शामिल होने की बात सामने आने के बाद सलीह पर देश छोड़ने का दबाव बना। वह 10 अप्रैल, 2018 को केरल लौटा और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुँचने पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पुलिस मुख्य आरोपित अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार करने दोहा भी गई, लेकिन केरल के अलाप्पुझा के मूल निवासी सत्तार और उसकी पत्नी को नहीं ढूँढ पाई। अभी भी वो केरल पुलिस की पहुँच से बाहर है।
राजेश के पिता ने खो दिया होनहार बेटा
केरल के मदावूर में रहने वाले राजेश के पिता राधाकृष्ण कुरुप ने बेटे के दो हत्यारों को दोषी ठहराए जाने पर कहा कि वह हैरान हैं कि दूसरों को छोड़ दिया गया। उनका कहना था कि वो गरीब मजदूर हैं और ये नहीं जानते की न्याय पाने के लिए क्या करना चाहिए।
वो कहते हैं कि लोग हत्या के पीछे के कारणों को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि उसके (आरजे राजेश) जीवन में क्या हुआ। उन्होंने बताया की कि राजेश पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी नहीं कर सका। झोपड़ी में रहने वाले कुरुप और उनकी पत्नी वसंता दिहाड़ी मजदूर है, जिन्हें अक्सर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में काम मिलता है। राजेश ने स्कूली छात्रों को ट्यूशन देकर सीखने की कोशिश की और बाद में वो कोच्चि चला गया। वहाँ वह एक निजी एफएम रेडियो में जॉकी बन गए।