बिहार के बेतिया गाँव में खालिद के फर्जी हत्याकांड की गु्त्थी अब सुलझ गई है। पुलिस की सक्रियता के कारण अब उस सिर कटी लाश की भी पहचान हो गई है जिसे हिंदू दंपत्ति को फँसाने के लिए इस्तेमाल किया गया। वह लाश राजेश कुमार की थी। राजेश खालिद के भाई राजा का ही दोस्त था। उसे आरोपितों ने नगर परिषद सभापति गरिमा देवी सिकारिया और उनके पति रोहित सिकारिया को फँसाने के लिए मारा था।
इस पूरे हत्याकांड को अंजाम देने में खालिद के चार भाई और उसके पिता का हाथ था। इन सबने मिलकर पूरी साजिश रची थी। इस साजिश में खालिद के दोस्त रंजीत ने उन सबका साथ दिया।
अब मामले में सारा खुलासा होने के बाद मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा के बयान पर थाने में दूसरी FIR हुई है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया में मुन्ना मिश्रा के बंद पड़े आइसक्रीम फैक्ट्री के पास 22 अगस्त की रात 9 बजे पुलिस को सिर बरामद हुआ था। उसके चेहरे पर काफी चोट के निशाना थे। हालत ऐसी थी शिनाख्त करना मुश्किल हो गया। फिर खालिद के पिता अख्तर हुसैन ने उसे अपने बेटे की लाश बताया। साथ ही इसी संबंध में एफआईआर भी करवा दी। हालाँकि, पुलिस ने जब जाँच शुरू की तो उन्हें पूछताछ के दौरान बयानों में कुछ गड़बड़ लगी और शक गहराता गया। इसके बाद पुलिस को मालूम चला कि खालिद की हत्या नहीं हुई है।
पुलिस ने फौरन यह सूचना एसपी को दी और एक टीम का गठन हुआ। दो दिन पहले पुलिस खालिद को दिल्ली से जिंदा पकड़ने में सफल रही। पूरी साजिश का खुलासा होते ही नगर परिषद सभापति गरिमा सिकारिया और उनके पति रोहित सिकारिया ने राहत की साँस ली।
अब इस मामले में दर्ज एफआईआर में खालिद, उसके पिता, चार भाइयों समेत 6 को नामजद किया गया है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि वो शव खालिद के भाई राजा के साथी राजेश कुमार का था। राजेश नरकटियागंज के एक होटल में काम करता था।
खालिद के मिलने के बाद पुलिस ने लाश की पहचान करने के लिए उसे कब्र खोदकर निकाला है और डीएनए टेस्ट करवाया है। शरीर के अन्य अंगों के साथ उसे मिलाने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, खालिद ने पुलिस को बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया में उसकी माँ के नाम भी बियाडा की जमीन लीज पर थी। मगर, प्रशासन ने साल 2009 में उस जमीन पर रोहित सिकारिया का कब्जा करवा दिया। इसी कारण हिंदू दंपती को फँसाने की साजिश खालिद के अब्बा और उसके भाइयों ने मिलकर रची ।