कोरोना वायरस के कहर के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने के आरोपित बिजनेसमैन नवनीत कालरा को दिल्ली की अदालत ने शनिवार (29 मई 2021) को एक लाख रुपए के दो निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
यह फैसला साकेत जिला कोर्ट के जस्टिस अरुण कुमार गर्ग ने कालरा और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलों को सुनने के बाद दिया है।
हालाँकि, सुनवाई के दौरान कालरा की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि कालरा गंभीर हालातों में लोगों को धोखा देकर लाभ कमाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि यह यह अभियोजन पक्ष का मामला था। कालरा ने दूसरे आरोपितों के साथ मिलकर महामारी के बीच ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर को अधिक मूल्य पर बेचने की साजिश रची थी।
श्रीवास्तव ने तर्क दिया, “नवनीत कालरा एक ऑप्टिशियन है, लेकिन वह मेडिकल डिवाइसेस बेच रहा था। जबकि, इसकी उन्होंने कभी अनुमति तक नहीं ली थी। यह खान चाचा रेस्टोरेंट में चल रहा था, जहाँ कोई भी सावधानी नहीं बरती गई। यहाँ किसी भी तरह से गुणवत्ता पर नियंत्रण नहीं था। यह धोखा है। इन परिस्थितियों में नवनीत कालरा का इरादा केवल धोखा देकर लाभ अर्जित करना था।”
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर की जाँच की एक रिपोर्ट भी पेश की, जिसमें मशीनों को खराब बताया गया था। उन्होने कहा कि इसके इस्तेमाल से फायदे की जगह लोगों को नुकसान हो सकता था।
अदालत में सुनवाई के दौरान दावा कि खुद केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में एक्सेप्ट किया था कि ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर की कीमतें अन कंट्रोल्ड थीं। ऐसे में नवनीत कालरा पर जमाखोरी का मामला नहीं बनता है।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली में ‘खान चाचा’ रेस्टोरेंट समेत नवनीत कालरा के 3 होटलों से दिल्ली पुलिस ने 524 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर बरामद किया था। इसके बाद पुलिस ने नवनीत कालरा को गिरफ्तार कर लिया था।