सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच विनेश फोगाट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह खाप पंचायत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से पहले बता रही हैं। वहीं, जाट समाज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर गुरुवार (4 मई, 2023) को जानकारी दी कि 7 मई को सभी खाप जंतर-मंतर जाएँगी। जाट समाज ने ट्वीट किया, “सोरम मुजफ्फरनगर में सर्वखाप मुख्यालय पर आयोजित खाप चौधरियों की बैठक के निर्णयानुसार, 7 मई को सभी खाप जंतर-मंतर जाएँगी।
दिल्ली पुलिस द्वारा खिलाड़ियों से अभद्रता करने वाले तैनात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने के लिए 2 दिन का वक्त दिया गया है। बाकी सभी निर्णय जंतर-मंतर पहुँचकर लिए जाएँगे।”
सोरम मुज़फ़्फ़रनगर में सर्वखाप मुख्यालय पर आयोजित खाप चौधरियों की बैठक के निर्णयानुसार 7 मई को सभी खाप जंतर मंतर जायेगी।
— जाट समाज (@JAT_SAMAAJ) May 4, 2023
दिल्ली पुलिस द्वारा खिलाड़ियों से अभद्रता करने वाले तैनात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने के लिए 2दिन का वक्त दिया गया है।
बाक़ी सभी निर्णय जंतर मंतर पहुँच कर… pic.twitter.com/khIq7dkdVL
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विनेश फोगाट के वीडियो को सबसे पहले ट्विटर पर रवि भदौरिया नाम के एक इन्फ्लुएंसर ने शेयर किया था। वीडियो में भारतीय पहलवान को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारे बुजुर्ग और खाप पंचायतें ही हमारे सभी बड़े फैसले लेती आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से पहले हमारा जो भी फैसला होता है, वह हमारी खाप पंचायत लेती है। इसलिए खाप पंचायत जो भी फैसला करेगी, हम उनका पालन करेंगे।”
बात सिर्फ बृजभूषण शरण सिंह जी की होती तब भी ठीक था, हमें पता था वो अकेले भी निपट लेंगे।
— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) May 4, 2023
लेकिन तुमने तो विपक्ष की गोद में बैठकर मोदी-योगी पूरी भाजपा और सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया…
उड़ता तीर ले लिया मित्र अब भुगतना पड़ेगा। @BajrangPunia pic.twitter.com/8ZKRi9gPWD
भारतीय पहलवान द्वारा देश के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय से ऊपर खाप पंचायत के फैसले को बताने से विवाद गहरा गया है। लेकिन, पूरी वीडियो में विनेश को यह कहते हुए भी सुना गया कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं और सभी कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही हैं।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को महिला पहलवानों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई बंद करने का फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है, इसलिए अब इस मामले में आगे की सुनवाई बंद की जाती है।
Wrestlers petition | Supreme Court notes the purpose of the petition has been served as FIR has been registered and that security has been provided to wrestlers. SC says that we have closed the proceedings at this stage. SC says if petitioners wish for something else, they can… pic.twitter.com/irIqwLuZv8
— ANI (@ANI) May 4, 2023
दरअसल, बबीता फोगाट, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक सहित 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। इन खिलाड़ियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहा था कि दिल्ली पुलिस उनकी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं कर रही है।
बता दें कि 7 मई को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की तक़रीबन एक दर्जन खाप देशवाल, राठी, बुड़ियांन, दुड्डा, बेनीवाल, कुंड, निर्वाल, बालियान, घनघस, लाटीयान, अहलावत और बत्तीसा के चौधरी दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे खिलाड़ियों के विरोध प्रदर्शन पर एकजुट होंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। इससे पहले खाप पंचायतों ने पहलवानों की माँगे जल्द पूरी नहीं करने पर बंद की धमकी दी थी।
उल्लेखनीय है कि खाप पंचायतें अक्सर गलत कारणों से चर्चा में रही हैं, जिसमें अंतर-जातीय विवाह को ‘अवैध’ घोषित करने का प्रयास और ऑनर किलिंग को लेकर उनके फैसले शामिल हैं।
हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव ने पहलवानों पर आरोप लगाया
वहीं, हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश कोच ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन किया है। उन्होंने महावीर फोगाट परिवार पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। राकेश कोच ने बीते दिनों कहा था कि उनका परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को WFI का अध्यक्ष बनवाना चाह रहे हैं। इसलिए वे खिलाड़ियों को भड़का रहे हैं।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों पर निशाना साधते हुए राकेश कोच ने यह भी कहा था कि ये खिलाड़ी किसी कार्यक्रम में आने के लिए पैसे लेते हैं। बजरंग पुनिया सरकारी अधिकारी हैं और रेलवे की अनुमति के बिना वे धरने पर बैठे हैं। विनेश फोगाट और साक्षी के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ।