Thursday, November 7, 2024
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इनामी नक्सली को मार गिराया, कल्लू गैंग का भी एनकाउंटर: सपाइयों ने जिस डिप्टी एसपी से लिया पंगा, वो फिल्मों में भी गुंडों को धोते हैं

वाराणसी में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान जब वो भीड़ को नियंत्रित करने में लगे हुए थे तो निर्देशक उनसे इतना प्रभावित हुआ कि उन्हें तेलुगु फिल्म 'डॉ चक्रवर्ती' में काम करने का ऑफर मिल गया। असल में भीड़ इतनी बेकाबू हो गई थी कि उन्हें वहाँ आना पड़ा था।

आपने हाल ही में उत्तर प्रदेश के चंदौली में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के नेताओं को चंदौली में डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की करते हुए देखा होगा। पुलिस अधिकारी ने काफी संयम से उस समय काम लिया। सकलडीहा के डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह का सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह ने तो गला पकड़ लिया और अपने सिर से उन्हें कई टक्कर मारे। तेज-तर्रार अधिकारी अनिरुद्ध सिंह अभिनय की दुनिया में भी हाथ आजमा चुके हैं।

जालौन जिले के रहने वाले अनिरुद्ध सिंह के बारे में बता दें कि वो 2001 में पुलिस की नौकरी जॉइन कर वाराणसी में सब इंस्पेक्टर बने थे। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान बनाने के बाद 2007 में उनकी पोस्टिंग चंदौली जिले में हुई। उससे पहले 2005 में ट्रक लूटकर भाग रहे कल्लू चौरसिया गैंग के तीन बदमाशों के एनकाउंटर में उनका नाम सामने आया था। उन्हें बलुआ, अलीनगर और सैयदराजा – इन तीन थानों में वो बतौर थानाध्यक्ष तैनात रहे।

इस दौरान वो SOG प्रभारी भी रहे और एक लाख रुपए के इनामी नक्सली संजय कोल का एनकाउंटर किया। 2010 में ‘आउट ऑफ टर्न’ प्रमोशन देकर उन्हें इंस्पेक्टर बनाया गया और कई जिलों के बाद 2014 में उन्हें फिर चंदौली की ही कमान मिली। चंदौली कोतवाली के बाद वो मुगलसराय कोतवाली में कार्यरत रहे। 2019 में उनका प्रमोशन कर पुलिस क्षेत्राधिकारी बनाया गया। 2019 में वाराणसी में उन्हें CB-CID में पदस्थापित किया गया। फिर बदायूँ जिले में वो पुलिस उपाधीक्षक रहे।

बदायूँ जिले में इनके कामों की चर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में होती रही है। वहाँ उन्होंने लगभग 2500 शराब कारोबारियों और चोरी-चकारी करने वालों को मुख्यधारा से जोड़ाने में सफलता पाई, जिसमें ‘बावरिया गैंग’ के लोग भी शामिल थे। वाराणसी के नदेसर इलाके में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान जब वो भीड़ को नियंत्रित करने में लगे हुए थे तो निर्देशक उनसे इतना प्रभावित हुआ कि उन्हें तेलुगु फिल्म ‘डॉ चक्रवर्ती’ में काम करने का ऑफर मिल गया। असल में भीड़ इतनी बेकाबू हो गई थी कि उन्हें वहाँ आना पड़ा था।

उच्चाधिकारियों से उन्हें इस फिल्म में अभिनय की अनुमति भी मिली। ‘गन्स ऑफ बनारस (2020)’ और ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया (2020)’ में भी वो दिखे। हालाँकि, फिल्म शूटिंग के कारण ड्यूटी से अनुपस्थिति के आरोप में मई 2016 में उन्हें निलंबन भी झेलना पड़ा था। तब वो इलाहाबाद में क्राइम ब्रांच निरीक्षक के रूप में तैनात थे। अपने लुक्स के कारण भी वो चर्चा में रहते हैं। जौनपुर में भी वो पदस्थापित रह चुके हैं। वेब सीरीज ‘दी रेडलैंड’ में भी उन्होंने अपने अभिनय का जलवा दिखाया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चंदौली के रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम की जन्मस्थान में 30 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास करने के लिए आने वाले थे। लेकिन, सीएम के आने से पहले ही सपा के पूर्व सांसद रामकिशन यादव और सकलडीहा से सपा के विधायक प्रभु नारायण सिंह के साथ सैकड़ों की संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने पहले सड़क मार्ग को रोका और बाद में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के इरादे से निकल पड़े। रोके जाने पर उन्होंने हंगामा किया और गुंडागर्दी पर उतर आए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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