देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में बने अवैध मदरसा जामिया अरबिया में 5 दिन पहले ‘हेडलाइंस इंडिया’ के रिपोर्टर और कैमरामैन को बंधक बनाकर मारपीट की गई थी। इस मदरसे को इलाके का कट्टरपंथी तौफील खान चलाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह जमीन ‘लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस’ की है, जिस पर अवैध रूप से मदरसा चल रहा है। कोर्ट ने इस जमीन का सर्वे कराने के आदेश भी LnDO को दिए हैं।
इसी बात की जानकारी लेने और तौफील खान का पक्ष लेने ‘हेडलाइंस इंडिया’ के रिपोर्टर और कैमरामैन मौके पर पहुँचे थे। तौफील और उसके बेटों ने पहले तो रिपोर्टर विनोद शर्मा और कैमरामैन को कागजात दिखाने के बहाने ऑफिसनुमा घर में बुलाया। फिर दोनों को बंधक बना लिया। यही नहीं, कैमरा बंद करके दोनों के साथ मारपीट की। अवैध मदरसा संचालक ने अपने गुर्गों से कहा कि चापड़ (एक प्रकार का धारदार हथियार) लेकर आओ। इस तरह से दोनों को जान से मारने को लेकर धमकाया गया। साथ ही हिंदू होने पर तौफील और उसके साथियों ने गाली-गलौज की।
अवैध मदरसे के संचालक तौफील और उसके साथियों की मारपीट से घायल रिपोर्टर विनोद शर्मा और कैमरामैन तुषार शर्मा ने जो कहानी सुनाई, आप पर वह सुनेंगे तो होश उड़ जाएँगे, कि कैसे एक रिपोर्टर के हिंदू होने पर अवैध मदरसा संचालक उन्हें जान से मारने को आमादा हो गया।
समझिए पूरा घटनाक्रम, ‘हेडलाइंस इंडिया’ के रिपोर्टर विनोद शर्मा की जुबानी
हम लोगों को खबर मिली थी कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एलएंडडीओ की जमीन पर एक अवैध मदरसा संचालित हो रहा है। कोर्ट ने तीन साल पहले इस जमीन पर सर्वे कराने के आदेश भी दिए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी हकीकत को टटोलने मैं अपने कैमरामैन तुषार के साथ गया था। यह अवैध मदरसा निजामुद्दीन इलाके में DPS स्कूल के पास में है। इसका नाम ‘मदरसा जामिया अरबिया’ है।
मैं जैसे ही मदरसे के कैंपस में पहुँचा तो देखा कि यह करीब 2 हजार गज से ज्यादा की जमीन है, जिस पर मदरसे के नाम पर मकान बनाए गए हैं, जिनमें कई परिवार रहते हैं। हमारी मुलाकात अवैध मदरसे के संचालक तौफील खान से हुई। वह ही इसे संचालित करता है। हमने कैमरा ऑन करके तौफील से जमीन के बारे में सवाल पूछने शुरू किए। वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सका। मैंने पूछा- क्या यह जमीन एलएंडडीओ की है तो उसने कहा- हाँ, लेकिन इस पर केस चल रहा है।
फिर मैंने पूछा कि जब आप कह रहे हैं कि यह जमीन एलएंडडीओ की है तो आपने फिर मदरसा क्यों खोल रखा है। मेरी इसी बात से तौफील भड़क गया। उसने कहा कि आप मेरे साथ ऑफिस में आइए मैं आपको अपने कागजात दिखाता हूं। मुझे और मेरे कैमरामैन तुषार को कागजात दिखाने के बहाने ऑफिसनुमा घर में ले गया। जैसे ही मैं अंदर पहुँचा तो देखा कि वहाँ ऑफिस नहीं, बल्कि घर था। उसके साथ 5-6 लोग पहले से ही बैठे थे।
मैंने ऑफिस में पहुँच कर फिर वही सवाल पूछा कि आपके पास जमीन का क्या रिकॉर्ड है। मैं सवाल पूछ ही रहा था तभी उसके एक साथी ने बाहर से दरवाजा बंद कर लिया। मैंने रोकने की कोशिश की तो मुझे धक्का देकर पीछे धकेल दिया। इसी बीच अंदर उसके दो से तीन साथियों ने पहले मुझसे माइक छीनने की कोशिश की, इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गया है। उन्होंने मेरे हाथ को मोड़ा, मुझे धक्का देकर कुर्सी पर गिरा दिया।
इसके बाद हमारे कैमरामैन तुषार से कैमरा बंद करने को कहा, लेकिन तुषार ने कैमरा बंद करने की बजाए कैमरे को बचाने के लिए हाथों को उठा लिया, इस पर तौफील ने डंडे से तुषार पर हमला किया। इससे कैमरे के लेंस टूट गए। तौफील और उसके बेटों ने तुषार से कैमरा झपटा और उस पर हाथ-घूँसो से हमला कर दिया। मैं इधर बुरी तरह से फँस चुका था और पुलिस को फोन लगाने की कोशिश कर रहा था, ताकि किसी तरह हमारी जान बच सके।
तौफील और उसके साथियों ने तुषार के गले में ‘हेडलाइंस इंडिया’ का आईकार्ड देखा। इसमें उसका नाम देख लिया था। इस पर तौफील ने साथियों से कहा कि ये दोनों हिंदू हैं, इनको आज सबक सिखा दो। जाओ घर से चापड़ लेकर आओ। यह हालत देख हमारी साँसें अटक गई थीं। मैंने तुषार को इशारा किया वो गेट खोलकर बाहर भाग जाए। तुषार ने ऐसा ही किया, लेकिन तुषार जैसे ही भागा वैसे ही तौफील और उसके गुर्गों ने तुषार के पेट और प्राइवेट पार्ट पर लात-घूँसो से हमला कर दिया।
वह गिर गया। मैंने बीच-बचाव किया। तभी मौका पाकर तुषार ऑफिस का गेट खोलकर बाहर भाग निकला। उसने बचाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। करीब एक घंटे तक तौफील और उसके गुर्गों ने हमारे साथ मारपीट की। फिर कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस आ गई। वो हमें और तौफील को थाने ले आई। मारपीट में मेरे अंगूठे में काफी चोट लग गई। वहीं, हमारे कैमरामैन तुषार के गले, पेट और पैर में काफी चोट लगी। उसे चलने में भी दिक्कत हो रही थी। अवैध मदरसा संचालक तौफील की दबंगई देखकर आसपास के लोग भी दहशत में आ गए।