कोलकाता में डॉक्टर की रेप/हत्या के मामले में एक स्थानीय अदालत ने सुनवाई करते हुए 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक पुलिस अधिकारी को 17 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
संदीप घोष को जहाँ सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था तो वहीं ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को एफआईआर दर्ज करने में कथित देरी और मामले में सबूत गायब करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआई अधिकारी ने पीटीआई न्यूज एजेंसी को बताया कि उन्हें दोनों आरोपितों की हिरासत तीन दिन के लिए मिली है। अब दोनों से एक साथ पूछताछ की जाएगी।
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने घोष के खिलाफ साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए हैं। वहीं अभिजीत मंडल पर सबूतों से छेड़छाड़, एफआईआर दर्ज करने में देरी का आरोप लगाकर बात जोड़ी गई है।
पश्चिम बंगाल: #RGKar मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रार्चाय और टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व कार्यालय प्रभारी अभिजीत मंडल को तीन दिन की CBI हिरासत में भेजा गया।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) September 15, 2024
दोनों को आज सियालदाह कोर्ट में पेश किया गया
आर जी कर दुष्कर्म और हत्या मामले में दोनों आरोपियों को कल गिरफ्तार किया गया था। pic.twitter.com/OAswLe7iVL
सीबीआई ने अदालत में बताया कि मंडल को 9 अगस्त की सुबह 10 बजे के आसपास डॉक्टर की मौत के बारे में पता चल गया था लेकिन एफआईआर 11 बजे के करीब दर्ज हुई। उनसे जब सवाल किए गए तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया
वहीं संदीप घोष की बात करें तो । उन्हें 2 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सीबीआई उन्हें रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही है।
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य डायरी (जीडी) प्रविष्टि और एफआईआर के पंजीकरण के समय के बीच विसंगति की ओर इशारा किया था।