आधिकारिक बयान के अनुसार, बताया गया कि इस एसआईटी को प्रणव कुमार द्वारा हेड किया जाएगा जबकि मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी इस एसआईटी का हिस्सा होंगे। पैनल को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
Now, WB Govt constitutes a SIT to probe allegations of financial irregularities by Dr Sandeep Ghosh, the disgraced Principal of RG Kar Medical College & Hospital. 4 IPS officers are part of the SIT. How are police officers equipped to investigate financial crimes?
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 19, 2024
This is… pic.twitter.com/26BUsI9KP0
इसी जानकारी के सामने आने के बाद बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा है- “अब, पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बदनाम प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जाँच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। 4 आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं। पुलिस अधिकारी वित्तीय अपराधों की जाँच कैसे कर सकती है।”
आगे वह लिखते हैं- “यह कुछ और नहीं बल्कि ममता बनर्जी की घोष को बचाने की चाल है। कोलकाता पुलिस संदीप घोष को समय रहते गिरफ्तार कर लेगी, ताकि सीबीआई उन्हें हिरासत में न ले सके… जब तक ममता बनर्जी इस्तीफा नहीं दे देती तब तक महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर की निष्पक्ष जाँच हो ही नहीं सकती। उन्हें इस्तीफा देना ही देना चाहिए।”
गौरतलब है कि बंगाल सरकार द्वारा एसआईटी का गठन ऐसे समय में किया गया है जब आर जीकर मामले की जाँच के दौरान केंद्रीय जाँच ब्यूरो पिछले चार दिनों से अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। इसी घटनाक्रम को देखते हुए माकपा के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने दावा किया कि एसआईटी का गठन इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से पूछताछ के दौरान घोष ने सीबीआई के सामने कई राज उजागर किए होंगे।