Thursday, November 14, 2024
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मणिपुर में अमित शाह के प्रयासों ने दिखाया रंग, प्रदर्शनकारियों ने 2 महीने बाद हाईवे खोला: केंद्रीय बल होगी तैनात, SC ने माँगी डिटेल रिपोर्ट

जाम हटाने को लेकर जारी प्रेसनोट में बताया गया कि कुकी समुदाय को जातीय हिंसा का सामना करना पड़ा है जिसमें सैकड़ों लोग घायल और हजारों विस्थापित हुए है। बताया गया है कि इस विवाद से राज्य के साम्प्रदायिक सौहार्द को काफी नुकसान पहुँचा है। इस पत्र में मणिपुर के अधिकारीयों से जान-माल की सुरक्षा की अपील की गई है।

पिछले लम्बे समय से हिंसाग्रस्त रहे मणिपुर से एक राहत की खबर आई है। रविवार (2 जुलाई 2023) को कुकी समुदाय से जुड़े 2 संगठनों ने लगभग 2 महीनों से बंद नेशनल हाइवे को खोलने का फैसला किया है। इस फैसले के पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किए गए शांति प्रयास बताए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने 3 जुलाई (सोमवार) को सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि मणिपुर के हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब करते हुए अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख़ तय की है।

2 जुलाई को यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (KNO) ने हाईवे से जाम हटाने की घोषणा एक प्रेसनोट के जरिए की है। प्रेसनोट में बताया गया है कि 3 मई 2023 से कुकी समुदाय को जातीय हिंसा का सामना करना पड़ा है जिसमें सैकड़ों लोग घायल और हजारों विस्थापित हुए है। बताया गया है कि इस विवाद से राज्य के साम्प्रदायिक सौहार्द को काफी नुकसान पहुँचा है। इस पत्र में मणिपुर के अधिकारीयों से जान-माल की सुरक्षा की अपील की गई है।

पत्र में आगे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कोशिशों को देखते हुए NH2 पर कांगुई (कांगपोकपी) में नाकाबंदी को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के पीछे राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करना है। साथ ही लोगों की जरूरतों पर भी ध्यान देना है। यह फैसला तमाम नागरिक समाज संगठनों, ग्राम प्रधानों, युवाओं और महिला नेताओं के साथ लम्बी बातचीत के बाद लिया गया है। संगठन ने मणिपुर में केंद्रीय बलों की तैनाती की सराहना की और कहा कि जब पूरे प्रदेश में सुरक्षा बहाल हो जाएगी तो कुकी संगठन अपने लोगों को वहाँ से हटा लेंगे।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। उच्चतम न्यायालय ने सरकार द्वारा उठाए गए उन कदमों की जानकारी माँगी है जिस से मणिपुर में शाँति बहाली के साथ लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई 2023 की तारीख तय की गई है। इस से पहले केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल ने बताया था कि मणिपुर के हालातों में सुधार हो रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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