कुवैत में आग की घटना में मरे 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान कोच्चि के लिए रवाना हो गया है। विमान में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी सवार हैं। वहाँ पहुँचकर विदेश राज्यमंत्री सिंह ने घायल भारतीय श्रमिकों से मुलाकात की और मृतकों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए जल्द से जल्द भारत लाने के लिए कुवैती अधिकारियों के साथ समन्वय किया।
यह विमान आज सुबह करीब 11 बजे केरल के कोच्चि पहुँचेगा और फिर वहाँ से दिल्ली के लिए रवाना होगा। कुवैत में भारतीय दूतावास ने इसके बारे में शुक्रवार (14 जून 2024) सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी। पोस्ट में कहा गया, “विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, जिन्होंने शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए कुवैती अधिकारियों के साथ समन्वय किया, विमान में सवार हैं।”
A special IAF aircraft carrying mortal remains of 45 Indian victims in the fire incident in Kuwait has taken off for Kochi.
— India in Kuwait (@indembkwt) June 13, 2024
MoS @KVSinghMPGonda, who coordinated with Kuwaiti authorities ensuring swift repatriation, is onboard the aircraft pic.twitter.com/091hBNWzLL
बता दें कि कुवैत के अल-मंगफ इलाके में प्रवासी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में 45 भारतीय हैं। मृतकों में 23 केरल से, 7 तमिलनाडु से, 2-2 आंध्र प्रदेश और ओडिशा से और 1-1 बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से हैं।
पीड़ितों में से अधिकांश कुवैत की एक कंपनी एनबीटीसी के लिए काम करते थे। यह कंपनी कुवैत की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी है। जिस इमारत में आग लगी, वह भी एनबीटीसी की ही थी। बताया जा रहा है कि इमारत में 196 प्रवासी कामगार रह रहे थे। इनमें 176 भारतीय श्रमिक थे। वहीं, घायल 33 भारतीय श्रमिकों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
प्रारंभिक जाँच में इस अग्निकांड में बड़ी चूक के संकेत मिले हैं। सात मंजिला इमारत के भूतल पर लगभग दो दर्जन गैस सिलेंडर रखे हुए थे। श्रमिकों के रहने के बनाए गए कमरे को कागज, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक जैसे ज्वलनशील पदार्थ से कमरे का पार्टिशन किया गया था। ये पार्टिशन कमरे में अधिक-से-अधिक श्रमिकों को रखने के लिए किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छत पर लगे बंद दरवाजे थे, जिससे श्रमिक छत पर नहीं जा सके और फँस कर रह गए कमरे में लगाए गए कागज, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक के कारण यह आग बहुत तेजी से फैली और लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया। ये सारी जानकारी जब भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इस घटना में घायल लोगों से मुलाकात की तो बाहर आई।
इस घटना में बाल-बाल बचे केरल के कासरगोड जिले के टिकरीपुर के रहने वाले नलिनाक्षन टी.वी. ने अपने डरावने अनुभव को साझा किया। 58 वर्षीय नलिनाक्षन ने बताया कि जब आग की लपटें उठने लगीं तो उनके पास निर्णय लेने के लिए कुछ ही पल थे। उन्होंने इमारत की तीसरी मंजिल की खिड़की से नीचे पानी की टंकी में छलांग लगा दी। इसमें उनकी कुछ पसलियाँ टूट गईं और पैर में चोट आई, लेकिन वे बच गए।
नलिनाक्षन करीब 12 साल से एनबीटीसी के साथ काम कर रहे हैं और वर्तमान में केरल के व्यवसायी के.जी. अब्राहम की कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी हैं। बता दें कि इस घटना के पीछे ग्राउंड फ्लोर पर शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है। इस शॉर्ट सर्किट के कारण वहाँ रखे लगभग दो दर्जन गैस सिलिंडर में ब्लास्ट हो गया और सात मंजिला इमारत धू-धू करके जलने लगी।