Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'तमिलनाडु पुलिस करती रही लावण्या के परिवार की ही जाँच': दादी ने कहा- 'मरने...

‘तमिलनाडु पुलिस करती रही लावण्या के परिवार की ही जाँच’: दादी ने कहा- ‘मरने से पहले चाचा को बताया था ईसाई न बनने पर स्कूल में मिली प्रताड़ना’

लावण्या के साथ हुई अपनी अंतिम मुलाक़ात के बारे में बताते हुए उनकी दादी ने कहा, "मैं उस से अंतिम बार तब मिली जब उसको इलाज के लिए तंजावुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।"

तमिलनाडु की 17 वर्षीय छात्रा लावण्या आत्महत्या केस में नया मोड़ आया है। लावण्या की दादी ने भी परिवार द्वारा लगाए जा रहे धर्मान्तरण के दबाव के आरोपों को सही बताया है। यह बयान उन्होंने एक यूट्यूब चैनल चाणक्या पर एक इंटरव्यू के दौरान दिया है। लावण्या की दादी मंगयरकार्षि (Mangayarkarasi) ने कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान लावण्या ने अपने चाचा को खुद पर ईसाई बनने के दबाव के चलते जहर खाने की बात बताई थी।

यूट्यूब चैनल चाणक्या ने यह इंटरव्यू रविवार (20 फ़रवरी) को प्रकाशित किया है। लावण्या की दादी ने आरोप लगाया, “मद्रास हाईकोर्ट द्वारा केस CBI को ट्रांसफर किए जाने के बाद भी तमिलनाडु पुलिस हम लोगों के ही घर की तलाशी ले रही है। साथ ही हमारे ही परिवार से पूछताछ कर रही है। सर्वनन नाम का एक पुलिस अधिकारी हमारे पास जाँच के लिए आया। मैंने उसको बताया कि मुझे केस के बारे में कुछ भी नहीं पता। एक अन्य महिला पुलिसकर्मी जाँच के लिए मुझे अपने साथ ले गई। मैं अधिकतर समय चुप रही तो उन्होंने मेरी बहन के पति के बारे में पूछताछ शुरू कर दी जो कोयंबटूर में थे। फिर उन्होने मुझे सब कुछ बता देने को कहा। 10 फरवरी को चाणक्या को इंटरव्यू देने तक पुलिसकर्मी लगातार हमारे घर आ रहे थे। हर दिन 4 – 5 पुलिसकर्मी हमारे घर आते थे। वो सब एक जैसा ही सवाल-जवाब करते थे। इसमें एक सब इंस्पेक्टर प्रमुख था। वो 2 – 3 सिपाहियों के साथ लगातार आता जाता था। और बार-बार एक ही सवाल पूछता था।”

मृतका लावण्या तंजावुर के सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा थी। उन्होंने जहर खा कर जान दे दी थी। मौत से पहले अपने अस्पताल में दिए बयान में उन्होंने अपनी प्रताड़ना के बारे में बताया था। लावण्या ने आरोप लगाया था कि उनसे टॉयलेट की सफाई करवाई जाती थी। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि उन्होंने ईसाई बनने से मना कर दिया था।

लावण्या के साथ हुई अपनी अंतिम मुलाक़ात के बारे में बताते हुए उनकी दादी ने कहा, “मैं उस से अंतिम बार तब मिली जब उसको इलाज के लिए तंजावुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।”

गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने यह केस CBI को ट्रांसफर करते हुए तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की आलोचना की थी। इस मामले में धर्मान्तरण के एंगल को भी छिपाने का प्रयास किया गया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि पीड़िता का मृत्यु पूर्व बयान नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। इन आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील का तमिलनाडु सरकार को कोई खास फायदा नहीं हुआ।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -