जहाँ एक तरफ मणिपुर में पिछले कई महीनों से हिंसा जारी है, वहीं अब मिजोरम में मैतेई समाज को धमकी मिली है। मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले मैतेई समाज को ST (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए राज्य सरकार को कहा था, जिसके बाद कुकी समुदाय भड़क गए। अब मिजोरम में मैतेई समाज को धमकी मिली है कि अगर उन्हें अपनी जान प्यारी है तो वो राज्य को छोड़ कर चले जाएँ।
सार्वजनिक रूप से दी गई इस धमकी में कहा गया है कि मैतेई समाज मिजोरम छोड़ कर चला जाए। इसके बाद मिजोरम सरकार ने राजधानी आइजोल में रहने वाले मैतेई लोगों की सुरक्षा में बढ़ोतरी कर दी है। ‘पीस एकॉर्ड MNF रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA)’ नामक एक संगठन ने ये धमकी भरा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर मिजोरम में रहने वाले मैतेई समाज को अपनी सुरक्षा प्यारी है तो वो जल्द से जल्द इस राज्य को छोड़ कर कहीं और चले जाएँ।
संगठन ने कहा है कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाए जाने और उनके गैंगरेप का वीडियो सामने आने के बाद मिजोरम के युवाओं में आक्रोश है। PAMRA के बारे में बता दें कि ये आतंकियों का संगठन हुआ करता था, जिन्होंने हथियार त्यागने का दावा किया था। ये खुद को गैर-राजनीतिक संगठन बताता है। उसने माँग की है कि शांति समझौते के सभी धाराओं को लागू किया जाए। संगठन ने कहा कि मणिपुर में कुकी समाज के खिलाफ हिंसा हुई है और इससे मिजो युवकों को ठेस पहुँची है।
"PAMRA appeals to all Meitei people in Mizoram to leave for their home state" https://t.co/H1K748gi0H
— NorthEast Now (@NENowNews) July 22, 2023
साथ ही धमकाया कि अगर मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों को कुछ भी होता है तो इसके जिम्मेदार वो खुद होंगे। बताया जा रहा है कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मणिपुर के अपने समकक्ष और केंद्र सरकार से भी बातचीत की है। पूर्व-उग्रवादी संगठन ने मिजो लोगों को कुकी वंश का बताते हुए कहा है कि राज्य छोड़ने के लिए सिर्फ मणिपुर के मैतेई लोगों को कहा गया है, और किसी को नहीं। इधर मणिपुर में विपक्ष सर्वदलीय बैठक बुलाने की माँग कर रहा है।