बाबा साहब अंबेडकर हिंदुओं के खिलाफ नहीं रहे, लेकिन उनके नाम पर समाज में वैमनस्यता फैलाने का काम लगातार जारी है। दलित छात्रावासों में जाकर उनकी शिक्षा और उनके संघर्ष के बारे में कम, लेकिन हिंदू देवी-देवताओं के बारे में सवाल पूछकर भ्रमित और हीन बनाने की प्रवृत्ति अक्सर देखी जाती है।
ऐसे ही एक यूट्यूबर ने बिहार के मुंगेर स्थित दलित छात्रावास में जाकर छात्रों को भ्रमित करने की कोशिश की। वेद प्रकाश नाम के इस यूट्यबूर ने दलित छात्रावास में रहने वाले एक छात्र से विद्या की देवी सरस्वती को लेकर सवाल किया, इसके बाद रितेश नाम के उस लड़के ने यूट्यूबर को बुरी तरह लताड़ दिया।
वेद ने रितेश के कमरे में घुसकर चारों तरफ खोजबीन की और कहा कि कमरे दो-दो सरस्वती की तस्वीर लगी हुई है और बाबा साहेब, पेरियार, फुले की एक भी तस्वीर नहीं है, क्यों? इस लड़के ने कहा कि बाबा साहेब की बाहर तस्वीर है और सरस्वती चुँकि विद्या की देवी हैं, इसलिए उनकी तस्वीर कमरे में लगाया है।
इसके बाद यूट्यूबर लड़के से बाबा साहेब को लेकर सवाल करता है और वह उनके बारे में संक्षिप्त रूप से बताता है। इसके बाद वह माँ सरस्वती के बारे में पूछता है, तब लड़का बताता है कि वह विद्या की देवी हैं।
इस यूट्यूबर बार-बार उस लड़के से पूछता कि किसने कहा कि वह विद्या की हैं, कहाँ से जानकारी मिली? लड़का फिर कहा है कि उसका मानना है कि वह विद्या की देवी हैं और यह उसका एनालिसिस है। हालाँकि, यूट्यूबर माँ सरस्वती को लेकर वही सवाल बार-बार करता है।
इस पर रितेश नाम का लड़का चिढ़ जाता है और कहता है कि वह कंट्रोवर्सी क्रिएट ना करे। जब वेद नहीं मानता है तो वह लड़का बुरी तरह उसे डपट देता है। इसके बाद अपनी झेंप मिटाने के लिए वेद अन्य लड़कों से पूछता है कि क्या वे भी मानते हैं कि सरस्वती विद्या की देवी है। इस भी सभी कहते हैं कि हाँ, वे मानते हैं।
बुरी तरह लताड़ खाने और अपनी प्रोपेगेडा का पकड़े जाने के बाद वेद प्रकाश लज्जित होकर आगे बढ़ जाता है। इसी तरह एक अन्य लड़के के कमरे में जाकर भारत माता की लगी तस्वीर पर सवाल उठाता है और कहता है कि अगर भारत माता हैं तो उनके हाथ में तिरंगा होना चाहिए, भगवा झंडा नहीं।